40 हजार से अधिक बच्चों और युवाओं का वैक्सीनेशन

रोगों की रोकथाम के लिए दिल्ली में चलाए जा रहे विशेष टीकाकरण अभियान के तहत 40 हजार से अधिक बच्चों व युवाओं का वैक्सीनेशन किया गया है। इसमें निमोनिया, खसरा, मम्स और रूबेला, टिटनस, डिप्थीरिया सहित दूसरे रोगों के टीके शामिल हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि रोगों की रोकथाम में टीकाकरण सबसे प्रभावी उपाय है। इसकी मदद से भविष्य में होने वाले रोगों को काफी हद तक रोका जा सकता है। शोध बताते हैं कि टीकाकरण के बाद रोग होने की संख्या में तेजी से कमी आई है। 

इसे देखते हुए दिल्ली में विश्व टीकाकरण जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है। इसमें अलग-अलग सेंटरों पर बच्चों व युवाओं को टीका लगाया गया है। मंगलवार को जागरूकता सप्ताह का अंत होगा। दिल्ली के परिवार कल्याण निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि 24 से 30 अप्रैल तक विश्व टीकाकरण जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है। इस दौरान लोगों को जागरूक करने के साथ जरूरतमंद व बच्चों और युवाओं को टीका लगाया जा रहा है। 

अभियान के तहत 16 हजार बच्चों को निमोनिया का टीका लगाया गया। इसकी मदद से निमोनिया की रोकथाम हो सकेगी। साथ ही खसरा, मम्स और रूबेला से बचाव के लिए 6500 बच्चों को एमएमआर टीका लगाया गया। 5200 बच्चों को एमआर (खसरा व रूबेला) वैक्सीन लगाई गई। डॉक्टरों का कहना कि दस साल से अधिक उम्र के बच्चों व युवकों को भी टिटनस का टीका लगाना जरूरी होता है।

आज भी लगवा सकते हैं टीका

विश्व टीकाकरण जागरूकता सप्ताह के अंतिम दिन मंगलवार को भी टीका लगवाया जा सकता है। दिल्ली के विभिन्न केंद्रों पर टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध है। 

बच्चे रहते हैं खेल में सक्रिय

डॉक्टरों ने बताया कि 10 साल से 20 साल तक के बच्चे अक्सर खेल में ज्यादा सक्रिय रहते हैं। इस दौरान इन्हें चोट लगने की आशंका सबसे ज्यादा रहती है। ऐसे में दस वर्ष की उम्र में टीडी-10 और 16 से 20 वर्ष की उम्र में टीडी-16 टीके की डोज जरूर लेनी चाहिए। दिल्ली में चल रहे विशेष टीकाकरण अभियान के तहत पिछले छह दिन में 9039 बच्चों को टीडी-10 व 3500 युवकों को टीडी-16 टीके की डोज दी गई।

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