विक्रमादित्य सिंह पहली बार लड़ रहे लोकसभा चुनाव…

हिमाचल प्रदेश के मंडी संसदीय सीट से कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह की संपत्ति बीते दो सालों में करीब 60 लाख रुपये घट गई है। 2022 में जब उन्होंने शिमला ग्रामीण हलके से विधानसभा चुनाव लड़ा था, तब उनकी चल-अचल संपत्ति 97.31 करोड़ थी। अब उनकी संपत्ति घटकर 96.70 करोड़ रह गई है। हालांकि पारिवारिक संपत्ति जोड़ दी जाए तो कुल संपत्ति एक अरब (100 करोड़) से अधिक हो जाती है। विक्रमादित्य सिंह की चल संपत्ति 6.21 करोड़ है। यह 2022 में 6.97 करोड़ थी। विक्रमादित्य सिंह के पास अचल संपत्ति 90.48 करोड़ है। साल 2022 में यह 90.33 करोड़ थी।

अचल संपत्ति में 15 लाख की बढ़ोतरी हुई है। सरकारी और वित्तीय संस्थानों की देनदारियां मौजूदा समय में 1.25 करोड़ हैं। यह साल 2022 में 1.38 करोड़ थीं। दो साल में देनदारियां करीब 13 लाख घट गई हैं। विक्रमादित्य सिंह पर 14 आपराधिक मामले लंबित हैं। साल 2022 में इनकी संख्या 11 थी। दो साल में 3 नए मामले जुड़े हैं। 17 लाख की फॉर्च्यूनर, 13.30 लाख की एंडेवरविक्रमादित्य के पास 17 लाख रुपये की टोयटा फॉर्च्यूनर और 13.30 लाख की फोर्ड एंडेवर कार है। फॉर्च्यूनर कार जनवरी 2018 में, जबकि एंडेवर जून 2016 में खरीदी है। इसके अलावा इनके पास नेक्सा की इग्निस कार भी है।

आनंद शर्मा 16 करोड़ से अधिक संपत्ति के मालिक

कांगड़ा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शर्मा 16 करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति के मालिक हैं। आनंद शर्मा के पास 1,38,90,425 रुपये की चल संपत्ति व 5,30,00,000 रुपये की अचल संपत्ति है। इसके साथ पारिवारिक संपत्ति जोड़ दी जाए तो आंकड़ा 17 करोड़ के करीब पहुंच जाता है। 

विक्रमादित्य ने ऐतिहासिक सेरी मंच पर चुनावी हुंकार भरी

माता-पिता की राजनीतिक विरासत संभालने के लिए मंडी संसदीय क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह ने गुरुवार को मंडी में नामांकन पत्र दाखिल किया। उन्होंने निर्वाचन अधिकारी अपूर्व देवगन को अपना नामांकन पत्र सौंपा। उनके साथ मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ल, कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी, सांसद और प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह सहित पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर मौजूद रहे। वहीं, सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर ने कवरिंग उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र भरा। नामांकन के बाद कांग्रेस नेताओं ने मंडी के ऐतिहासिक सेरी मंच पर चुनावी हुंकार भरी।
35 वर्षीय विक्रमादित्य सिंह अपने राजनीतिक जीवन में तीसरी बार चुनाव मैदान में उतरे हैं। पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। नामांकन दाखिल करने के बाद मीडिया कर्मियों के प्रश्नों का जवाब देते हुए विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यह लड़ाई मंडी के अस्तित्व की है। मंडी को देश का नंबर एक क्षेत्र बनाने की है। उनके खिलाफ उतारी गईं अभिनेत्री सब चीजों पर बोलती हैं, लेकिन विकास के मुद्दे पर कुछ नहीं बोलती हैं। वह अपना विजन साफ नहीं कर पाई हैं। वह सिर्फ मनोरंजन की राजनीति करते हैं। इसके डायरेक्टर जयराम ठाकुर हैं। 4 जून को इनका हारना तय है।

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