50 करोड़ की म्याऊ-म्याऊ बरामद, 3 गिरफ्तार

नई दिल्ली
रेव पार्टियों में पॉप्युललर मेफड्रोन ड्रग (म्याऊ-म्याऊ) की 25 किलो से ज्यादा मात्रा जब्त की गयी। इसकी कीमत 50 करोड़ रुपये बतायी गयी। यूथ कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल और सैफ गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके ऐथलीट समेत तीन मुलजिम गिरफ्तार किए गए हैं। स्पेशल सेल के डीसीपी संजीव यादव के मुताबिक, इन दिनों दिल्ली, मुंबई, गोवा आदि राज्यों में होने वाली रेव पार्टियों में म्याऊ-म्याऊ खासी लोकप्रिय हो रही है।

पुलिस को जानकारी मिली थी कि जेल रोड पर रहने वाला अमनदीप सिंह यह ड्रग मुंबई से दिल्ली लाकर पार्टियों में जाने वाले युवकों को बेचता है। एसीपी अखिलेश यादव और इंस्पेक्टर तिलक चंद बिष्ट की टीम को जानकारी मिली कि अमनदीप सिंह और उसके साथी दादर से अमृतसर जाने वाली ट्रेन में म्याऊ-म्याऊ की खेप लेकर दिल्ली आ रहे हैं। स्पेशल सेल की टीम ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अमनदीप सिंह और उसके साथी हरप्रीत को पकड़ लिया। उनके कब्जे से 25 किलो म्याऊ-म्याऊ बरामद की गयी। केस दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में इनके तीसरे साथी हरनीश को भी गिरफ्तार कर लिया गया। अमनदीप के साथियों के नाम हैं- हरप्रीत सिंह निवासी जेल रोड और हरनीश सरपाल निवासी विकासपुरी।

अमनदीप हरि नगर एरिया में जेल रोड पर रहता है। टूरिजम में डिप्लोमा करने के बाद वह नागौर निवासी किशन और हरनीश निवासी विकासपुरी के सम्पर्क में आ गया। तीनों ड्रग्स का सेवन कर पार्टियों में जाने लगे। बाद में वे रकम कमाने के लिए ड्रग्स सप्लाई करने लगे। हरप्रीत सिंह डिस्कस थ्रो में एथलीट था। उसने ऑस्ट्रेलिया में 2004 में हुए यूथ कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीता था। उसने साउथ एशियन फेडरेशन गेम्स यानी सैफ गेम्स 2006 में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। उसी साल हरप्रीत ने नैशनल लेवल पर गेम्स में हिस्सा लिया, लेकिन वह डोप टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया। कॉमनवेल्थ गेम्स 2010 से पहले उसे गंभीर चोट लग गई थी। इसके बाद उसने गेम्स छोड़ कर प्रॉपर्टी डीलिंग का काम शुरू कर दिया, लेकिन उसे नुकसान उठाना पड़ा।

पैसों की कमी से जूझ रहे हरप्रीत ने अमनदीप से कुछ काम दिलाने की गुजारिश की। अमनदीप ने उसे अपने ड्रग्स रैकेट में शामिल कर लिया। इनके साथी कैलाश राजपूत दुबई में और किशन लंदन में रहते हैं और वहीं से रैकेट संभालते हैं। म्याऊ-म्याऊ अफ्रीका में तैयार होती है और शिपमेंट से मुंबई लाई जाती है। मुंबई में किशन के रैकेट मेंबर यह कन्साइनमेंट रिसीव करते हैं। पकड़े गए तीनों मुलजिम इस रैकेट के दिल्ली में एजेंट हैं। भारत से म्याऊ-म्याऊ के कन्साइनमेंट संयुक्त अरब अमीरात, इंग्लैंड, अमेरिका और मलयेशिया में भेजे जाते हैं। डीसीपी ने बताया कि जब्त की गई म्याऊ-म्याऊ की कीमत 50 करोड़ रुपये है। यह ड्रग लैबोरेट्री में तैयार होती है। इसे कैप्स्यूल, टैबलेट और वाइट पाउडर के रूप में बेचा जाता है।

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