पनामा पेपर लीक : विश्व बैंक को नहीं पाकिस्तान पर भरोसा

इस्लामाबाद। पनामा पेपर लीक में पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ व उनके परिवार के फंसने से विश्व बैंक को लगता है कि यह देश राजनीतिक अनिश्चय की स्थिति में आ गया है।

सुधार व आर्थिक प्रगति की प्रक्रिया पर आम चुनावों रोक लगा सकते हैं। विश्व बैंक को लगता है कि आज जो हालात भारत के इस पड़ोसी मुल्क के हैं, वो बेहद खतरनाक हैं।

विश्व बैंक की रिपोर्ट 'पाकिस्तान डेवलपमेंट अपडेट' में कहा गया है कि प्राकृतिक आपदा, आतंकवाद और राजनीतिक उठापटक ने देश को अस्थिर कर दिया है।

इसमें इशारा किया गया है कि नवाज सरकार ने आर्थिक प्रगति की जो प्रक्रिया शुरू कर रखी है, उसे चुनाव झटका दे सकता है।

यानि वहां सत्ता परिवर्तन की आशंका जताई गई है। विश्व बैंक राष्ट्रों की स्थिति के बारे में साल में दो यह रिपोर्ट जारी होती है।

इससे पहले इंटरनेशनल मोनेटरी फंड कह चुका है कि पनामा पेपर लीक के बाद से वहां के भ्रष्ट माहौल में निजी बहुराष्ट्रीय कंपनियां निवेश से कतरा रही हैं।

हालांकि नवाज सरकार की नीतियों से देश की आर्थिक विकास दर तेजी से दौड़ लगा रही है। पिछले नौ सालों में यह सर्वाधिक 5.2 फीसद इसी साल रही है। 2017-18 में इसके 5.5 फीसद तक पहुचने की संभावना है।

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