भारतीय संस्कृति की पुरानी मान्यताओं को न समझें अंधविश्वास, जानिए वैज्ञानिक आधार

आज के वैज्ञानिक युग में अनेक पुरानी मान्यताओं को अंधविश्वास एवं रूढि़वादिता का आधार मानकर उनकी ओर से आंखें मूंद ली जाती हैं परंतु आज की स्थिति में जबकि विज्ञान उत्तरोत्तर प्रगति कर रहा है, इन प्राचीन धारणाओं को वैज्ञानिक चिंतन की आवश्यकता है। विभिन्न विज्ञान पत्रिकाओं एवं वैज्ञानिकों का अनुभव एवं इस संबंध में उनकी खोजों के आधार पर ही प्राचीन मान्यताओं को समझाने का प्रयास किया गया है। 

 

दिशा शूल
आज के इस युग में अनेक लोग ‘दिशा शूल’ पर विश्वास करते हैं। इसका तात्पर्य है किसी विशेष दिन किसी खास दिशा में यात्रा न करना। क्या दिशा और यात्रा में भी कोई संबंध हो सकता है? वैज्ञानिकों की राय में भू-चुम्बकत्व के कारण ही दिशा विशेष में दुर्घटनाएं होने की संभावनाएं हो सकती हैं।

एक इसराईली वैज्ञानिक ने गुरुत्व तरंगों के अस्तित्व के विषय में घोषणा की है। गुरुत्वाकर्षण एक तरंग के रूप में संचालित होता है और चूंकि प्रत्येक दिन किसी न किसी आकाशीय पिंड से संबंधित है, अत: ये पिंड ही भू-चुम्बकत्व एवं गुरुत्वाकर्षण में दिन-प्रतिदिन होने वाले परिवर्तनों के लिए उत्तरदायी होते हैं।

 

नजर लगाना
बुरी नजर से बचाने के लिए बच्चों पर किसी काली वस्तु का स्पर्श किया जाता है। कारण स्पष्ट है। यह इसलिए किया जाता है क्योंकि काली वस्तुएं हर प्रकार का विकीरण अवशोषित कर सकती हैं। इस प्रकार बच्चों के शरीर पर पडऩे वाले विकीरण के प्रभाव की संभावना क्षीण हो जाती है। 

 

दक्षिण की ओर पैर कर सोना अहितकर
घर के बड़े घर के किसी भी सदस्य को दक्षिण की ओर पैर कर सोने पर मना करते हैं क्योंकि इससे बीमार होने की आशंका होती है। कारण वैज्ञानिक है। रक्त में लोहे के कण काफी मात्रा में होते हैं जो पृथ्वी से उत्तर दक्षिण दिशा में रहने से एक चुम्बक की तरह काम करने लगते हैं। दक्षिण की ओर पैर करने पर ये खून में मिल चुम्बकीय कण, पैर से मस्तिष्क की ओर बहने लगते हैं जिसके कारण मस्तिष्क पर खून का दबाव बढ़ जाता है।

 

कुएं में उतरने से पहले दीया जलाना
गांवों में लोग कुएं में उतरने से पहले एक दीया जलाकर लकड़ी पर रखकर रस्सी से नीचे उतरते हैं। अंदर यह दीया जलता ही रहता है। तभी लोग अंदर उतरते हैं। क्या वे कुएं में उतरने के पहले पूजा करते हैं? जी नहीं, इसके पीछे भी वैज्ञानिक कारण है। यह पता लगाने के लिए कि कुएं में कहीं कार्बन डाइऑक्साइड का आधिक्य तो नहीं। उसकी उपस्थिति में दीया बुझ जाता है जिससे कुएं में उतरने वाले को सांस लेने में दिक्कत न हो और कोई दुर्घटना न हो।

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