मानव का दर्जा मिलने के बाद गंगा को मिला पहला कानूनी नोटिस

नैनीताल : उत्तराखंड उच्च न्यायालय से मानव का दर्जा पाने के बाद गंगा नदी को पहला कानूनी नोटिस भी मिल गया। ऋषिकेश निवासी स्वरूप सिंह पुंडीर द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि खादरी खडग गांव मेंं नियमों का उल्लंघन करते हुए एक टेंचिंग ग्रांउड का निर्माण किया जा रहा है। पुंडीर ने दलील दी कि ग्राम पंचायत ने यह जमीन म्युनिसिपल  बोर्ड को यह जमीन बिना ग्रामीणों को विश्वास में लिए आवंटित कर दी।

न्यायमूर्ति वीके बिष्ट और न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर पालिका परिषद, ऋषिकेश के अलावा गंगा को भी नोटिस जारी किया है। नोटिस पाने वाले सभी पक्षों को उसका जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए उच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए आठ मई की तारीख तय की है।

गौरतलब है कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पिछले दिनों गंगा को मानव का दर्जा देते हुए उसे जीवित व्यक्ति के सभी कानूनी अधिकार दे दिए थे। इस संबंध में उच्च न्यायालय ने प्रदेश के मुख्य सचिव, प्रदेश के महाधिवक्ता और नमामि गंगे परियोजना के निदेशक को गंगा का संरक्षक नियुक्त किया था।

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