लोगों को कैशलेस का मतलब समझाने के लिए मोदी सरकार ने फूंक डाले इतने करोड़

सरकार ने नोटबंदी के बाद डिजिटल भुगतान के प्रचार पर करीब 94 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। प्रचार के जरिए लोगों को कैशलेस भुगतान और ऑनलाइन बैंकिग की तरफ आकर्षित करने के लिए कार्यक्रम चलाए गए। सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने राज्यसभा में वृहस्पतिवार एक लिखित जवाब में इसकी जानकारी दी।
 
राठौड़ ने बताया कि 9 नवंबर 2016 से इस साल 25 जनवरी तक जारी विज्ञापनों के लिए डीएवीपी ने 14.95 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। उन्होंने कहा कि डीएवीपी में अखबारों को कैशलेस भुगतान करने की परंपरा रही है। 

सरकार ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण इलाकों में भी तमाम कार्यक्रम चलाए गए। जनता के लिए डिजिटल भुगतान आसान बनाने के लिए सरकार ने भीम (BHIM) ऐप भी लॉन्च किया।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लगभग हर मंच से डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने की बात करते दिखे।

नोटबंदी की लोकप्रियता पर किए गए कुल खर्च के बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि डिजिटल भुगतान के प्रति लोगों को जागरूक करने तथा कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए कुल 93,93,28,566 रुपये खर्च किए गए हैं।

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