वर्ल्ड कप की वो रात, जब हर पाकिस्तानी क्रिकेटर डरा हुआ था और किसी को नींद नहीं आ रही थी…
नई दिल्ली: ‘क्रिकेट के भगवान’ कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर कई बार बता चुके हैं कि ऐसे कई मैच होते थे, जिनसे एकदिन पहले उन्हें रात में नींद नहीं आती थी. लेकिन यह उस मैच को लेकर चिंता या उत्सुकता होती थी. खासकर अगर मैच पाकिस्तान (Pakistan) से हो तो सचिन अति उत्सुकता में रातभर नहीं सो पाते थे. जाहिर है सचिन के मन में डर का कोई भाव नहीं होता था. लेकिन पाकिस्तानी क्रिकेटरों (Pakistan Cricketer) के जीवन में एक रात ऐसी आई थी, जब उनमें से किसी को नींद नहीं आ रही थी और हर कोई डरा हुआ था.
वेस्टइंडीज में 2007 में खेले गए क्रिकेट वर्ल्ड कप (ICC World Cup 2007) के दौरान वो रात आई थी, जब हर पाकिस्तानी क्रिकेटर डरा हुआ थ और किसी को नींद नहीं आ रही थी. पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी (Shahid Afridi) ने उस रात का जिक्र अपनी आत्मकथा ‘गेम चेंजर’ (Game Changer) में किया है. उन्होंने लिखा है, ‘20 साल के क्रिकेट करियर में वह रात हमारी टीम की सबसे मुश्किल थी. हम रातभर नहीं सो सके थे. मुझे याद है कि हम सभी को सिंगल-सिंगल रूम मिले थे. लेकिन कोई भी अकेला नहीं सोना चाहता था. हम सब डरे हुए थे.’
दरअसल, पाकिस्तानियों को डराने वाली यह वो रात थी, जब टीम के कोच बॉब वूल्मर (Bob Woolmer) की मौत संदिग्ध हालात में हो गई थी. कोई कह रहा था कि उन्हें जहर दिया गया है, तो कोई इसे सट्टेबाजी से जोड़कर देख रहा था. इसके तार खिलाड़ियों तक से जोड़े जा रहे थे. अफरीदी इस बारे में लिखते हैं, ‘वो बॉब वूल्मर की मौत की रात थी. इसके बाद हम अपने कमरों में अकेले नहीं, दो या तीन के गुट में सोने गए, ताकि डर ना लगे या सुरक्षित महसूस कर सकें. यहां तक कि कप्तान इंजमाम ने भी मुश्ताक अहमद के साथ रूम शेयर किया, जो उस समय कोचिंग स्टाफ के सदस्य थे.’
शाहिद अफरीदी आगे लिखते हैं, ‘सोचिए उस मजबूत और सक्षम कप्तान इंजमाम के बारे में, जो अकेले सोने से डर रहा था. मैंने बतौर कप्तान उन्हें इससे मुश्किल समय का सामना करते हुए नहीं देखा. मैं आज भी जब उस रात के बारे में सोचता हूं तो हताश हो जाता हूं. हम कभी भी उस सदमे से नहीं उबर सके. बता दें कि 17 मार्च 2007 को पाकिस्तान की टीम आयरलैंड से हार गई थी. इसके बाद 17-18 मार्च की दरम्यानी रात ही कोच बॉब वूल्मर की मौत हो गई थी.