अक्षय, सलमान खान बनने की चाह में घर छोड़कर मुंबई भाग रहे थे 6 मासूम

नई दिल्ली : दिल्ली में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) की सतर्क निगाहों ने 6 मासूम बच्चों को गलत हाथों में जाने से बचा लिया. ये मासूम बच्चे अपने घर से भागकर, मुंबई में फिल्मों में हीरो बनने के लिए जा रहे थे. दरअसल, गुरुवार देर शाम रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स ने कुछ बच्चों को आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर मुंबई की ट्रेन में चढ़ते हुए देखा, जिसके बाद उन्होंने बच्चों को रोककर उनसे माता-पिता के बारे में सवाल किया. 

पुलिस के सवाल करने पर जब बच्चे जवाब नहीं दे पाए तो उन्होंने बच्चों को ट्रेन से उतारा और फिर पूछताछ के बाद उन्हें माता-पिता के हवाले कर दिया. आरपीएफ के सीनियर डीएससी शशि कुमार के मुताबिक हर रेलवे स्टेशन पर स्पेशल टीम सिविल में तैनात रहती है. जो संदिग्ध लोगों पर नज़र रखती है. हर रोज़ की तरह गुरुवार शाम को भी टीम काम कर रही थी तभी आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ के इंस्पेक्टर अनिल कुमार, सब इंस्पेक्टर मोहित त्यागी और कॉन्स्टेबल सुभाष को रेलवे प्लेटफॉर्म पर कुछ बच्चे संदिग्ध नज़र आए.
ये बच्चे आरपीएफ टीम को गुमराह करते रहे, लेकिन उसके बाद बच्चों ने बताया की ये तो घर से भागकर आये हैं और मुंबई फिल्मों में हीरो बनने के लिए जा रहे हैं.

पहले की आरपीएफ को गुमराह करने की कोशिश की
जो लोगों से मुंबई जाने के लिए ट्रेन के बारे में पूछ रहे थे. तभी टीम को इन पर शक हुआ. कुछ देर तक ये बच्चे आरपीएफ टीम को गुमराह करते रहे, लेकिन उसके बाद बच्चों ने बताया की ये तो घर से भागकर आये हैं और मुंबई फिल्मों में हीरो बनने के लिए जा रहे हैं.. 

फिल्म देखकर मन में आया था ख्याल
बच्चों ने आरपीएफ बताया की ये मंडावली इलाके की एक गली में रहते हैं और फ़िल्म देखने का बहुत शौक है. इन बच्चों को फ़िल्म एक्टर अक्षय कुमार, टाइगर श्रॉफ और सलमान खान की फिल्में बहुत पसंद हैं और वो इन्हीं की तरह एक्टर बनना चाहते हैं. बच्चों के नाम करण ( 13), अर्जुन (12), श्याम बाबू (14) और राम बाबू (14 ) ये दोनों जुड़वा भाई है जिनको कृष और सलमान जैसा बनना है, और दो भाई मोहित( 11) और रोहित (14) भी बाहुबली और फलाइंग जट जैसा किरदार करना चाहता है. 

परिवारवालों ने किया शुक्रियाअदा
इन 6 बच्चों ने बताया की फिल्में देखकर ही इनका जहन में आया की हम सब मुंबई चलते हैं और वहीं जाकर हम हीरो बन पाएंगे. बच्चों के परिवार वाले आरपीएफ का तह दिल से बार-बार शुक्रिया अदा कर रहे हैं. चूंकि कई ऐसे गैंग है जो यहां एक्टिव रहते है और बच्चों को अपने साथ बहला-फुसलाकर ले जाते हैं. परिवारवालों का कहना है कि अच्छा हुआ कि ये बच्चे किसी गैंग के हत्थे नहीं चढ़ें, वरना इनके साथ कुछ गलत हो सकता था. 

अब तक 166 बच्चों को पहुंचाया गया घर
आरपीएफ ने बताया की आनंद विहार रेलवे स्टेशन से साल 2018 में अब तक 166 बच्चे मिले हैं जिन्हें स्पेशल टीम की मदद से परिवार वालों को सौंप चुके हैं. 

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