अटल बिहारी वाजपेयी के ‘रास्ते’ पर चलकर अर्थव्यवस्था को गति देना चाहते हैं मोदी

नई दिल्लीः अब मोदी सरकार सड़कों के सहारे अर्थव्यवस्था को गति देने पर विचार कर रही है। इसके लिए पीएम मोदी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की राह अपनाने की तैयारी में लग गए हैं। इस सरकार का कहना है कि वह 2022 तक 6.92 लाख करोड़ की लागत से 83,677 किलोमीटर सड़क बनाएगी। इस महत्वाकांक्षी प्रॉजेक्ट से आर्थिक गतिविधियों को बल मिलने की उम्मीद है और अगले 5 साल में कम से कम 14.2 करोड़ कार्य दिवस रोजगार उत्पन्न होने का अनुमान लगाया गया है।

1999 में वाजपेयी ने स्वर्णिम चतुर्भुज हाइवे प्रॉजेक्ट की नींव रखी थी, जिससे दिल्ली, मुंबई, चेन्नै और कोलकाता को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था। यह भारत का सबसे बड़ा रोड प्रॉजेक्ट था। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने उस समय कहा था, 'नेशनल हाइवे डिवेलपमेंट प्रॉजेक्ट के तहत हम जो हाइवे बना रहे हैं वे सिर्फ हाइवे नहीं बल्कि देश के हाथ की भाग्य रेखाएं हैं।' बाद में स्वर्णिम चतुर्भुज प्रॉजेक्ट बाद में भारत के तेज विकास में सहायक साबित हुआ।

इसके चलते मोदी अटल सरकार के नक्शेकदम पर चलने की तैयारी कर रही है। ताजा सड़क निवेश प्रोग्राम में भारतमाला योजना शामिल है, जिसमें 5.35 लाख करोड़ की लागत से 34,800 किमी हाइवे का निर्माण किया जाएगा। रोड ट्रांसपोर्ट और हाइवे मिनिस्ट्री देश में 9000 किमी लंबी इकनॉमिक कॉरिडोर बनाएगी। इसमें 6000 किमी लंबी इंटर कॉरिडोर, 2000 किमी फीडर रूट्स, 2000 किमी बॉर्डर और इंटरनैशनल कनेक्टिविटी रोड भी शामिल है।

सरकार भारतमाला प्रॉजेक्ट के लिए मार्केट से लोन लेकर, सेंट्रल रोड फंड्स और बजटीय आवंटन से फंड मुहैया कराएगी। ऐसे समय में जब मोदी घटती नौकरियों, सुस्त ग्रोथ और छोटे कारोबारियों पर जीएसटी के नकारात्मक प्रभावों की वजह से दबाव में हैं। इसके चलते इस महत्वाकांक्षी योजना के जरिए सरकार कोई चमत्कार की उम्मीद जता रही है।
 

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