अब कोरोना से जंग जीत जाएगा इंडिया: देश में 150 दिनों में 10 लाख से अधिक मरीज हुए ठीक, सिर्फ इन 3 राज्यों से 53% रिकवरी

नई दिल्ली | पूरी दुनिया में कोरोना वायरस की दहशत है, मगर इस बीच भारत के लिए राहत की खबर है। बुधवार को भारत में कोरोना वायरस से ठीक हो चुके मरीजों की संख्या 10 लाख पार कर गई। भारत में जिस तेजी से कोरोना वायरस पांव पसार रहा है, वैसे हालात में रिकवर होने वाले मरीजों की यह संख्या बहुत बड़ी उम्मीद है। 
बुधवार की रात तक, पूरे भारत में 1,582,730 (64.4%) संक्रमितों में से 1,019,297 लोग इस बीमारी से उबर चुके थे, जबकि 33,236 लोगों की मौत हो चुकी है। फिलहाल, देश में कोरोना वायरस के कुल 528,459 सक्रिय मामले (कुल मामलों का 33.4%) हैं।
रिकवर हो चुके कोरोना संक्रमितों और एक्टिव केसों की संख्या के बीच यह गैप वह प्रमुख आंकड़ा है, जो कोविड-19 के खिलाफ देश की लंबे समय से चल रही लड़ाई में आशा की किरण दिखाता है। हालांकि, यह अंतर हमेशा नहीं था।
देश में कोरोना के आंकड़ों पर गौर करें तो 2 मार्च के बाद से रिकवर होने वाले मरीजों की संख्या 10 लाख पार पहुंचने में 150 दिन लगे। यहां ध्यान देने वाली बात है कि 250000 लाख रिकवर होने में 114 दिन लगे थे। भारत ने 12 जुलाई को 750,000 रिकवरी पार कर ली थीं।
पूरे देश में 64.4 फीसदी कोरोना मरीज कोविड-19 को मात देकर रिकवर हो चुके हैं, जो वैश्विक औसत 61.9 से अधिक है।  दिल्ली में रिकवरी रेट काफी बेहतर है। दिल्ली में सबसे अधिक 133,310 लोग रिकवर हो चुके हैं जो 89% के साथ रिकवर किए गए लोगों का अनुपात सबसे अधिक है। वहीं, लद्दाख में  80 फीसदी लोग रिकवर हो चुके हैं, हरियाणा में 78 फीसदी, असम में 76 फीसदी, तेलंगाना में 75 फीसदी कोरोना मरीज रिकवर हो चुके हैं। ये पांच राज्य रिकवरी के मामले में सबसे बड़े अनुपात वाले राज्य हैं।
वहीं, महाराष्ट्र के 400,651 मामलों में से 239,755 ने रिकवरी की है। तमिलनाडु में 234,114 मामलों में से 172,883 मामले रिकवर किए जा चुके हैं। इस तरह से तमिलनाडु सबसे अधिक रोगियों को डिस्चार्ज करने वाला दूसरा राज्य है। 
इस तरह से देखा जाए तो देश में 53 फीसदी कोरोना वायरस के मरीजों की रिकवरी सिर्फ महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दिल्ली में ही हुई है। हालांकि, इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि इन तीन राज्यों में ही कोरोना वायरस ने सबसे अधिक तबाही मचाई है। देश में कोरोना कुल मामलों में 48.5 फीसदी हिस्सा इन तीन राज्यों का है। 

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