अब दुश्मनों के ड्रोन्स की खैर नहीं! जम्मू एयरबेस में लगे एंटी-ड्रोन सिस्टम और जैमर

जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हुए ड्रोन अटैक के बाद सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गई है। इसके अलावा ऐसे किसी भी ड्रोन अटैक से निपटने के लिए एंटी-ड्रोन सिस्टम और जैमर आदि को भी तैनात किया गया है। एयरफोर्स स्टेशन के टेक्निकल एरिया में रविवार को ड्रोन के जरिए विस्फोटक गिराए जाने के बाद यह फैसला लिया गया है। सूत्रों के हवाले से इंडिया टुडे की रिपोर्ट में कहा गया है कि एनएसजी की ओर से एंटी ड्रोन सिस्टम लगाया गया है। इसके अलावा एंटी ड्रोन गन्स की भी तैनाती की गई है। इनकी मदद से किसी भी संदिग्ध ड्रोन को मार गिराया जाएगा। 

सूत्रों ने कहा कि ड्रोन के किसी भी खतरे से निपटने के लिए यह सिस्टम लागू किया गया है। इसके लिए रेडियो फ्रिक्वेंसी डिटेक्टर और सॉफ्ट जैमर लगाया गया है। 27 जून को ड्रोन अटैक की घटना के बाद से राज्य में सुरक्षा बलों को अलर्ट  कर दिया गया है। जम्मू एयरबेस पर ड्रोन अटैक ऐसा पहला हमला है, जिसे इस तरीके से पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों ने अंजाम दिया है। इसके बाद से ही सुरक्षा बलों की चिंताएं बढ़ गई हैं। आतंकवाद के इस तरीके ने सुरक्षा बलों के सामने नई चुनौती खड़ी की है। यही नहीं जम्मू एयरबेस पर अटैक के बाद भी लगातार दो दिनों तक कई इलाकों में ड्रोन देखे गए।

इनमें से ही एक इलाका था, जम्मू में ही स्थित रत्नूचक-कालूचक मिलिट्री स्टेशन। हालांकि सैनिकों की ओर से फायरिंग किए जाने के बाद ये ड्रोन वापस चले गए। फिलहाल जम्मू में हुए हमले की जांच का जिम्मा राष्ट्रीय जांच एजेंसी या NIA को सौंप दिया गया है। यही नहीं इस बीच सूत्रों का कहना है कि इस हमले में चीनी ड्रोन्स का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। बता दें कि जम्मू में हुई घटना के मद्देनजर राजौरी जिले में प्रशासन ने ड्रोन मशीनों के भंडारण, बिक्री, परिवहन और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। राजौरी के जिलाधिकारी राजेश कुमार शवन की ओर से जारी आदेश के अनुसार, जिसके पास ड्रोन या ऐसी वस्तुएं हैं उन्हें स्थानीय पुलिस थाने में जमा करना होगा। 

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