अब 15% तक महंगा होने जा रहा है प्लेन टिकट!

3 महीने से लगातार बढ़ रहे हैं ATF के दाम, अब 15 प्रतिशत बढ़ सकता है हवाई किराया

नई दिल्ली
अब हवाई किराए पर 15 प्रतिशत ज्यादा खर्च करने के लिए तैयार हो जाइए क्योंकि एयरलाइंस कंपनियां 10-15 प्रतिशत किराया बढ़ाने पर विचार कर रही है। दरअसल, अगस्त महीने से एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) के दाम में बढ़ोतरी हो रही है। रविवार को भी ऑइल मार्केटिंग कंपनियों ने एटीएफ की कीमत 6 प्रतिशत बढ़ाने का ऐलान किया। प्लेन का इंधन तब महंगा हो रहा है जब डॉलर के मुकाबले रुपया सस्ता होता जा रहा है।

ताजा वृद्धि के बाद दिल्ली में एटीएफ 3,025 प्रति किलो लीटर महंगा हो गया है और इसकी कीमत 50,020 रुपये से बढ़कर 53,045 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है। यह लगातार तीसरी मासिक वृद्धि है। पिछले महीने एटीएफ का दाम 4 प्रतिशत बढ़ा था।

हालांकि कोई एयरलाइन कंपनी ऑन रिकॉर्ड तो कुछ नहीं बोल रही है, लेकिन एटीएफ के दाम चढ़ने और रुपये के भाव गिरने के दोहरे असर से निपटने के काफी सीमित विकल्प हैं, बजाय किराया बढ़ाने के। किराया नहीं बढ़ाने के मतलब है कि मौजूदा एयरलाइंस कंपनियों को किंगफिशर एयलाइंस जैसे हालात का सामना करना पड़ सकता है। एक फुल सर्विस एयरलाइन के अधिकारी ने कहा, 'हम किराए पर जल्द ही कोई फैसला लेंगे। संचालन की लागत बहुत बढ़ गई है और हमें इसे यात्रियों से वसूलना होगा।'

इनके अतिरिक्त सरकार ने 1 अगस्त से हरेक फ्लाइट से 5,000 रुपये का रीजनल कनेक्टिविटी सेस वसूलना शुरू कर दिया है। ज्यादातर एयरलाइंस कंपनियां यह अतिरिक्त बोझ पैसेंजरों पर डाल चुकी हैं। बहरहाल, हाल तक कच्चे तेल के दाम नीचे रहने की वजह से एयरलाइंस कंपनियां सस्ते किराए के ऑफर्स दे रही थीं। इससे घरेलू उड़ानों में कुछ महीनों तक लगातार 20 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली।

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