अभी नहीं टला ‘वायु’ का खतरा, कच्छ के तट पर दे सकता है दस्तक 

नई दिल्ली । अरब सागर में सक्रिय हुए चक्रवाती तूफान 'वायु' के दिशा परिवर्तन के बाद गुजरात के तटीय इलाकों के नागरिकों और प्रशासन ने कुछ राहत की सांस ली लेकिन अभी संकट के बादल छटे नहीं है। आशंका जताई जा रही है कि तूफान वायु अब 17-18 जून को कच्छ के तट पर दस्तक दे सकता है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है। इससे पहले शुक्रवार को राज्य के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने कहा था कि अब साइक्लोन वायु पश्चिम की ओर दूर बढ़ गया है और अब इससे राज्य को कोई खतरा नहीं है।  वहीं  मौसम विभाग ने  चक्रवात के अगले 48 घंटों के दौरान पश्चिम की ओर बढ़ने और फिर उत्तर-पूर्व की ओर मुड़ने की संभावना जताई है।  हालांकि मौसम विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि चक्रवाती तूफान की प्रचंडता भी शनिवार सुबह तक कुछ कम हो जाएगी। रूपानी ने शुक्रवार को ससंवाददाताओं से कहा, 'तटीय क्षेत्रों से निकाले गए लगभग 75 लाख लोग अपने घरों को लौटने के लिए स्वतंत्र हैं' उन्होंने कहा कहा कि स्कूल और कॉलेज शनिवार से विधिवत शुरू होंगे।
चक्रवात चेतावनी प्रभाग ने  एक बुलेटिन में कहा, ‘चक्रवात पश्चिम की ओर मुड़ रहा है, जिससे पोरबंदर, देवभूमि द्वारका जिले 50-60 किमी प्रति घंटे से लेकर 70 किमी प्रति घंटे तथा गिर सोमनाथ और जूनागढ़ जिले 30-40 किमी प्रति घंटे से लेकर 50 किमी प्रति घंटे की गति वाले हवा के झकोरों से प्रभावित होंगे। तीनों जिलों में वायु गति के क्रमश: कम होने की संभावना है।' इसमें कहा गया है कि चक्रवात के अगले 48 घंटों के दौरान पश्चिम की ओर बढ़ने और फिर उत्तर-पूर्व की ओर मुड़ने की संभावना है।  बता दें 'वायु' भारत में इस साल टकराने वाला दूसरा चटक्रवाती तूफान है। इससे पहले फेनी चक्रवात ने देश के कई हिस्सों में भाषण तबाही मचाई थी। फिलहाल गुजरात हाई अलर्ट पर है और प्रशासन ने किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयारी कर रखी है।

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