काम की खबर: ऑनलाइन बुक की गई रेल टिकट हर काउंटर से होगी रद्द

डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड के जरिए प्वाइंट ऑफ सेल मशीन (पीओएस) से बुक कराई गई रेल टिकट अब किसी भी टिकट बुकिंग काउंटर पर रद्द कराई जा सकेगी। टिकट रद्द कराने पर बचा पैसा रेल यात्री के बैंक खाते में जाएगा। इस संबंध में रेलवे ने निर्देश जारी कर दिए हैं।

रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब तक कार्ड के जरिए बुक टिकट को रद्द कराने की सुविधा कुछ चुनिंदा टिकट बुकिंग काउंटर पर ही थी। कार्ड से बुक टिकट को रद्द कराते समय काउंटर पर लगी स्क्रीन पर इलेक्ट्रॉनिक रिफंड की सूचना आएगी।

टिकट रद्द होने के सात दिनों के अंदर रिफंड का पैसा ग्राहक के बैंक खाते में आ जाएगा। जिन काउंटरों पर पीओएस मशीनें नहीं हैं वहां टिकट डिपॉजिट रिसीप्ट दे दी जाएगी और रिफंड खाते में भेज दिया जाएगा।

सहूलियत
पहले चुनिंदा टिकट बुकिंग काउंटर पर ही रद्द होते थे
सात दिन के अंदर पैसा ग्राहक के बैंक खाते में आएगा

ई-टिकट खिड़की टिकट से रहेगा महंगा!
केंद्र सरकार द्वारा आम बजट के जरिए ई-रेल टिकट पर लगने वाले सेवा कर (सर्विस टेक्स) को खत्म किए जाने के बावजूद ई-टिकट अब भी खिड़की से मिलने वाले टिकट से न केवल महंगा रहेगा, बल्कि कई दीगर सुविधाएं भी यात्री को नहीं मिल पाएंगी, जो खिड़की से टिकट खरीदने पर मिलती है।

ज्ञात हो कि आठ नवंबर को नोटबंदी के फैसले के बाद सरकार ने 'डिजिटल लेनदेन' को बढ़ावा देने के मकसद से ऑनलाइन रेल टिकट लेने पर लगने वाले सर्विस टैक्स पर 22 नवंबर से 31 मार्च तक के लिए रोक लगा दी। आईआरसीटीसी के जरिए स्लीपर टिकट बुक कराने पर 2० रुपये और वातानुकूलित श्रेणी में 40 रुपये सर्विस टैक्स देना पड़ता था।

केंद्र वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा बुधवार को पेश किए गए आम बजट में किए गए प्रावधानों के जरिए ऑनलाइन टिकट कराने पर लगने वाले सर्विस टैक्स को खत्म कर दिया गया है। इस फैसले को रेल यात्रियों के लिए बड़ी राहत करार दिया जा रहा है।

यहां बताना लाजिमी होगा कि खिड़की और ऑनलाइन रेल टिकट कराने पर सिर्फ सर्विस टैक्स का ही फर्क नहीं होता, बल्कि कई बैंकों को टॉजेक्शन चार्ज 10 रुपये भी देना होता है। वहीं खिड़की से टिकट कराने पर मिलने वाली सुविधाएं भी ऑनलाइन टिकट में नहीं मिलती हैं।

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