गुजरात चुनाव की तारीखों के एलान में कोई मिलीभगत नहीं: चीफ इलेक्शन कमिश्नर

नई दिल्ली. इलेक्शन कमीशन ने इस बात से इनकार किया है कि गुजरात असेंबली इलेक्शन के डेट अनाउंसमेंट में केंद्र से किसी तरह की कोई मिलीभगत की गई है। बुधवार को गुजरात चुनाव की तारीखों के बाद चीफ इलेक्शन कमिश्नर अचल कुमार जोति ने मीडिया के सवालों के जवाब दिए। कांग्रेस ने आरोप लगाया था इलेक्शन कमीशन ने नरेंद्र मोदी की रैली की वजह से हिमाचल प्रदेश के साथ गुजरात के चुनाव की तारीखों का एलान नहीं किया। अब इलेक्शन कमीशन ने इस बात से साफ इनकार किया है।

कई पहलुओं पर विचार किया गया

– चीफ इलेक्शन कमिश्नर से हिमाचल प्रदेश और गुजरात में चुनाव की तारीखों पर सवाल किया गया था। जोति से अपोजिशन के उस आरोप पर सवाल किया गया था जिसमें कहा गया था गुजरात में डेट अनाउंसमेंट को लेकर केंद्र सरकार और इलेक्शन कमीशन के बीच कुछ सहमति थी।

– इस पर जोति ने कहा- मिलीभगत का कोई सवाल ही नहीं उठता। मैं पहले ही साफ कर चुका हूं कि चुनाव की तारीखों का एलान करने के पहले कई चीजों पर विचार करना होता है।

फैसला गलत नहीं

– जोति से ये भी पूछा गया कि क्या चुनाव आयोग का यह फैसला नहीं है, जिसकी वजह से गुजरात सरकार को नई प्रोजेक्ट्स और स्कीम्स अनाउंसमेंट का मौका मिल गया। क्योंकि, हिमाचल प्रदेश का शेड्यूल पहले डिक्लेयर कर दिया गया। इस पर चीफ इलेक्शन कमिश्नर ने कहा- नहीं, मुझे एेसा नहीं लगता कि ये फैसला गलत था। 

– चीफ इलेक्शन कमिश्नर से जब ये पूछा गया कि कई पू‌र्व इलेक्शन कमिश्नर ये कह रहे हैं कि गुजरात चुनाव की तारीखों में देरी नहीं करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा- मैं उन लोगों के ओपिनियन पर कोई कमेंट नहीं करूंगा। हमने हालात को देखते हुए फैसला किया। उन्होंने कहा कि इस बारे में कानून के हिसाब से ही 

– जोति ने कहा कि गुजरात के चीफ सेक्रेटरी ने 25 सितंबर और 2 अक्टूबर को इलेक्शन कमीशन को लेटर लिखा था। उन्होंने कहा था कि अभी चुनाव की तारीखों का एलान नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि जुलाई में आई बाढ़ का रिहैबिलटेशन प्रोग्राम राज्य में चल रहा है।

गुजरात और हिमाचल में फर्क

– जोति ने कहा कि गुजरात और हिमाचल के चुनाव का साथ एलान 2012 में किया गया था। लेकिन, तब भी शेड्यूल अलग थे। दोनों राज्यों में मौसम और बाकी चीजों का काफी फर्क है।

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