घुसपैठियों को बाहर करने के लिए पूरा देश नागरिकता साबित करे, यह नियम सही नहीं: हाशमी मियां

सीएए, एनपीआर और एनआरसी देश में अभी सबसे चर्चित मुद्दे हैं। मुस्लिम धर्मगुरु गाजिए मिल्लत सैयद हाशमी भी रायपुर पहुंचे । दैनिक भास्कर ने जब उनसे इन मुद्दों पर राय ली तो उनका कहना था… घुसपैठियों को हर हर हाल में देश से बाहर किया जाना चाहिए। पर देश के 130 करोड़ लोगों को इसके लिए अपनी नागरिकता साबित करनी पड़े तो ऐसे नियम को सही नहीं कहा जा सकता। यह गलत है। एनपीआर के प्रावधानों पर उन्होंने कहा कि न केवल मुस्लिम, बल्कि हर धर्म के लोगों को इससे परेशानी होगी। देश में तस्वीर कुछ इस तरह बनाई जा रही है कि सिर्फ मुस्लिम इसका विरोध कर रहे हैं। ऐसा नहीं है। देश के कई राज्यों में इसे लेकर प्रदर्शन हुए हैं। हो रहे हैं। इनमें हर धर्म के लोगों ने हिस्सा लिया। कई राज्यों ने तो इसे अपने यहां लागू करने से तक इनकार तक कर दिया है। इन राज्यों में मुस्लिमों के बजाय दूसरे धर्म के लोगों की आबादी ज्यादा है।

हाशमी मियां ने आगे कहा, मुझे ऐसा लगता है कि इस कानून का मकसद किसी को देश से बाहर निकालने के बजाय उसके वोट का अधिकार छीनना भी हो सकता है। जो लोग नागरिकता साबित नहीं कर पाएंगे उनके नाम वोटर लिस्ट से बाहर कर दिए जाएंगे। वे देश में रहेंगे तो लेकिन वोट नहीं कर पाएंगे। इससे किसी न किसी पार्टी को बड़ा फायदा होगा। कई पार्टियों के वोट बैंक भी टूट जाएंगे।

उन्होंने मुस्लिम समुदाय के साथ सभी धर्मों के लोगों से अपील की है कि एनपीआर, एनसीआर या सीएएस का विरोध करते हैं या उसमें असहयोग करना चाहते हैं तो अहिंसा के साथ करें। लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन में हिंसा की कोई जगह नहीं है। मैं ऐसी घटनाओं का कड़ा विरोध करता हूं। शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोग भी शांति के साथ विरोध कर रहे हैं। केंद्र सरकार उन्हें एनपीआर लागू नहीं होने की गारंटी दें तो यह प्रदर्शन भी खत्म हो जाएगा।

आतंकवादी मुस्लिम, हिंदू या किसी भी दूसरे धर्म से निकलते हैं, इस बात को सिरे से नकारते हुए वे बोले कि इसका संबंध कभी भी का कभी भी किसी धर्म से नहीं रहा है। यह तो संगठनों की देन है। विश्व में कहीं भी आतंकवादियों का संबंध किसी न किसी संगठन से होता है। दुनिया में कोई भी आतंकवादी घटना होती है तो इसका संबंध कट्टरवादी संगठनों से रहा है। आतंक या आतंकवादी दोनों का संचालन संगठन ही करते हैं। इस्लाम में इस तरह के आतंक की कोई जगह नहीं है।

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