चार सौ में से 170 से ज्यादा अस्पतालों में फायर सेफ्टी सिस्टम खराब

 

नगर निगम सिर्फ नोटिस देकर भूला

राजधानी भोपाल के ज्यादातर अस्पतालों में फायर सेफ्टी सिस्टम काम नहीं कर रहा है, या फिर अस्पतालों में प्रशिक्षित कर्मचारी ही नहीं है। यह खुलासा कोरोना की दूसरी लहर के दौरान किये गये अस्पतालों के फायर आॅडिट की रिपोर्ट में हुआ। निगम के फायर अमले को शहर के चार सौ सवे ज्यादा अस्पतालों में आॅडिट किया था, इसमें से 170 से ज्यादा अस्पतालों में फायर सेफ्टी के पैरामीटर्स पर खरे नहीं उतरे थे। जिसके बाद निगम प्रशासन ने इन अस्पतालों को नोटिस जारी कर फायर सेफ्टी के संसाधन दुरूस्त करने के निर्देश दिये थे। निगम प्रशासन द्वारा होटल्स, हाईराईज इमारतों का फायर सेफ्टी आॅडिट किया जाता है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, नगरीय प्रशासन विभाग, मंत्रालय से जांच कराकर एक माह में प्रतिवेदन तलब किया है। साथ ही यह भी पूछा है कि म.प्र. में फायर सेफ्टी एक्ट लागू नहीं किये जाने के क्या कारण हैं ? यह अधिनियम लागू करने की क्या कार्यवाही की गई है या किया जाना प्रस्तावित है ? म.प्र. के सभी अस्पतालों एवं नर्सिंग होम्स में फायर सेफ्टी के पैरामीटर्स मानव जीवन की सुरक्षा के लिये पर्याप्त हो और व्यक्तियों को प्राप्त सुरक्षित जीवन जीने के मौलिक/मानव अधिकार का संरक्षण हों, इसके लिये क्या प्रभावी कार्यवाही की गई है ? इन सभी बिन्दुओं पर स्पष्ट प्रतिवेदन दिया जाये।

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