चेन्नई में 3 दिन से नहीं थमी बारिश; स्कूल-कॉलेज बंद, 5 डिग्री गिरा पारा

चेन्नई. तमिलनाडु, खासतौर पर चेन्नई में रविवार देर रात से हो रही बारिश का सिलसिला मंगलवार को भी नहीं थमा है। जगह-जगह पानी भरने और जाम लगने के बाद स्कूल कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। वेदर डिपार्टमेंट के मुताबिक, राज्य में 16 जगहों पर बहुत तेज बारिश और 21 जगहों पर तेज बारिश दर्ज की गई है। अगले 24 घंटों में कोस्टल एरिया में बड़े पैमाने पर बारिश होने का अनुमान है। शहर के आसपास के इलाकों में 24 घंटे के अंदर पारे में 4 से 5 डिग्री तक गिरावट दर्ज की गई है। मीनाम्बकम में मंगलवार को मैक्सिमम टेम्परेचर 25.2 डिग्री सेल्सियस था, जो मंगलवार को 21.6 डिग्री पर पहुंच गया।

म्यूनिसिपल कॉर्पाेरेशन के कमिश्नर डी कार्तिकेयन के मुताबिक, 300 निचली बस्तियों की पहचान कर वहां से लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है। 175 रिलीफ कैम्प लगाए गए हैं। 400 वॉटर पंप की मदद से पानी को निकाला जा रहा है। बारिश की वजह से हुए हादसे में तंजावुर के ओराथनाडु में एक बुजुर्ग की मौत की खबर है।

नॉर्थ-ईस्ट मानसून ने बिगाड़े हालात

वेदर डिपार्टमेंट ने चेन्नई में भारी बारिश और कोस्टल एरिया में मूसलाधार बारिश की वॉर्निंग दी है।

चेन्नई, तिरुवल्लूर, नागापट्टनम, कांचीपुरम, तंजौर, तिरुवरूर और रामनाथपुरम को खासतौर पर अलर्ट रहने के लिए कहा गया है।

वेदर डिपार्टमेंट का कहना है कि नॉर्थ-ईस्ट मॉनसून की वजह से भारी बारिश हो रही है। यह कुछ दिन पहले ही साउदर्न कोस्ट से टकराया है।

पुड्डूचेरी में भी शुरू हुई बारिश

उधर, पुड्डूचेरी में भी मंगलवार सुबह से बारिश शुरू हो गई है, जिसकी वजह से कई इलाकों में पानी भर गया है।

एरिया साइक्लोन वॉर्निंग सेंटर के डायरेक्टर डॉ. एस बालचंद्रन ने मीडिया को बताया, "श्रीलंका के पास बने साइक्लोन की वजह से तमिलनाडु के तटवर्ती जिलों में भारी और भीतरी हिस्सों में हल्की बारिश होगी।"

2015 में हुई थी 270 लोगों की मौत

चेन्नई की हिस्ट्री में बाढ़ के लिहाज से 2015 बेहद खतरनाक साल था। तब कई दिन तक राज्य और खासकर चेन्नई शहर में भारी बारिश हुई थी। चेन्नई में खराब ड्रैनेज और सीवेज सिस्टम के चलते हालात बद से बदतर हो गए थे।

सड़कों पर चार से पांच फीट तक पानी था। 270 लोगों की मौत हुई थी। शहर के ज्यादातर इलाकों में खतरे की वजह से बिजली काट दी गई थी। सबसे ज्यादा दिक्कत कम्युनिकेशन सिस्टम के खराब होने से हुई। मोबाइल और लैंडलाइन नेटवर्क बहुत हद तक खराब हो चुके हैं।

हालात सामान्य हुए तो जांच कराई गई। रिपोर्ट में हालात बिगड़ने की तीन वजहें सामने आईं। पहली- खस्ताहाल सीवेज और ड्रैनेज सिस्टम। दूसरी- इलीगल कंस्ट्रक्शन और तीसरी- एडमिनिस्ट्रेशन की अधूरी तैयारी।

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