जेतली कभी चुनाव जीतकर सरकार में नहीं आए: सिन्हा

नई दिल्ली: मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर उठी बहस के बीच भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने आज फिर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेतली कभी चुनाव जीतकर सरकार में नहीं आए हैं इसलिए वह आम जनता की समस्याओं और अपेक्षाओं से कोई सरोकार नहीं रखते हैं। 

सिन्हा ने कसा जेतली पर तंज
सिन्हा ने जेतली के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जेतली के कभी चुनाव न जीत पाने पर तंज कसते हुए कहा, मैंने आईएएस की नौकरी छोडऩे के 15 दिनों के भीतर अपने लिए एक संसदीय क्षेत्र का चुनाव कर लिया था। वह 30 साल बाद भी एक लोकसभा सीट की तलाश में हैं। जेतली कभी लोकसभा में नहीं रहे, इसलिए उन्हें पता नहीं है कि लोगों की अपेक्षाएं क्या होती हैं और समस्याएं क्या होती हैं। जेतली आज की नौजवान पीढ़ी से जाकर पूछें कि क्या उन्हें नौकरी मिल रही है। जेतली के पास कितने लोग नौकरी मांगने के लिए आते हैं। वह कभी लोकसभा में रहे ही नहीं तो उन्हें इस बारे में पता नहीं होगा। उन्होंने कहा कि लोकसभा का सदस्य ही समझ सकता है कि किसी संसदीय क्षेत्र में 15 से 16 लाख लोगों की चिंता कैसे की जा सकती है। 

बिना चुनाव लड़े ही जेतली ने लिया था पद
जेतली ने सिन्हा के एक लेख पर कल कहा था कि सिन्हा 80 वर्ष की आयु में पद की तलाश में हैं। इस पर सिन्हा ने कहा, मैं मुद्दों की बात कर रहा हूं, लेकिन वह निजी हमले कर रहे हैं। जिन्होंने लोकसभा की शक्ल नहीं देखी, वह मुझ पर पद मांगने का आरोप लगा रहे हैं।  सिन्हा ने जेतली पर तीखा हमला करते हुए कहा कि आईएएस की नौकरी और राज्य मंत्री जैसे पद का त्याग करने वाले व्यक्ति पर वह नौकरी मांगने का आरोप लगा रहे हैं।  जेतली ने अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में बिना चुनाव लड़े ही राज्य मंत्री का पद लिया था। 

जेतली भूल गए हैं मेरी पृष्ठभूमि 
उन्होंने कहा, जेतली मेरी पृष्ठभूमि भूल गए हैं। वह भूल गए हैं कि मेरी 12 साल की आईएएस नौकरी बाकी थी और मैं सब कुछ छोड़कर राजनीति में आया था। आज कोई कहे कि मैं 80 साल की आयु में पद मांग रहा हूं तो यह सही कैसे हो सकता है।‘‘  भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, 1989 में वी पी सिंह देश के प्रधानमंत्री थे, उन्होंने मुझे शपथ के लिए राष्ट्रपति भवन बुलाया था। मैं बिना शपथ के वापस आ गया क्योंकि मुझे लगा कि वह मेरे साथ न्याय नहीं कर रहे। मैंने मंत्री पद का त्याग किया, आईएएस का पद छोड़ दिया।

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