तापी एवं टाटा कम्पनियों पर लगेगा जुर्माना 

भोपाल। निगम आयुक्त के.वी.एस.चौधरी ने बैरागढ़ चीचली एवं हिनौतिया आलम में जलप्रदाय व्यवस्था के लिए जलप्रदाय टंकी एवं डाली जा रही पाईप लाईन के कार्यें का निरीक्षण किया और तापी प्रीस्टेस्ढ़ लिमिटेड कम्पनी एवं टाटा कम्पनी के कार्यों की धीमी गति और लापरवाही पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए दोनों कम्पनियों पर पेनाल्टी लगाने के निर्देश दिए। श्री चौधरी ने कार्यों की समीक्षा के दौरान तापी प्रीस्टेस्ढ़ कम्पनी एवं टाटा कम्पनी को कार्यों की गति और तेजी से बढ़ाने तथा नियत समय पर कार्य पूर्ण करने के सख्त निर्देश दिए साथ ही जलकार्य विभाग के सहायक यंत्रियों को जलदर की वसूली में और तेजी लाकर प्रतिदिन कम से कम 20 लाख रुपये की वसूली करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर अपर आयुक्त एम.पी.सिंह, मुख्य अभियंता ए.आर.पवार सहित निगम के अन्य अधिकारी मौजूद थे।निगम आयुक्त के.वी.एस.चौधरी ने बुधवार को शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जलप्रदाय व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने के दृष्टिगत किए जा रहे कार्यों का जायजा लेते हुए बैरागढ़ चीचली एवं हिनौतिया आलम में निर्माणाधीन जलप्रदाय टंकी व पाईप लाईन बिछाने के कार्यें का निरीक्षण किया। चौधरी ने कार्यों की प्रगति की जानकारी प्राप्त की और बैरागढ़ चीचली में तापी प्रीस्टेस्ढ़ कम्पनी द्वारा 45 किलोमीटर लाईन बिछाने के कार्य में से मात्र 05 किलोमीटर लाईन डाले जाने की जानकारी मिलने पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए कार्य की गति को बढ़ाकर निर्धारित समय सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। निगम आयुक्त ने हिनौतिया आलम में टाटा कम्पनी द्वारा कार्यों की धीमी गति पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कार्य की गति बढ़ाने और नियत अवधि में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।  
    इसके उपरांत निगम आयुक्त श्री चौधरी ने माता मंदिर स्थित निगम मुख्यालय में टंकियों के निर्माण एवं जलप्रदाय नेटवर्क स्थापित करने के कार्यों तथा जल उपभोक्ता प्रभार के संबंध में समीक्षा की और टंकी निर्माण एवं नेटवर्क स्थापना संबंधी कार्यों की धीमी गति एवं कार्यों में लापरवाही पर तापी प्रीस्टेस्ढ़ कम्पनी एवं टाटा कम्पनी पर पेनाल्टी लगाने के निर्देश दिए और सभी कार्यों की गति में और अधिक तेजी लाकर नियत अवधि में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। निगम आयुक्त ने जलकार्य विभाग के सहायक यंत्रियों व अन्य अमले को निर्देशित किया कि जल उपभोक्ता प्रभार की वसूली में तेजी लाए और प्रतिदिन 20 लाख रुपये की राशि वसूल करें।    

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