तीन तलाक रोकने के लिए बनी हेल्पलाइन, 7 भाषाओं में देगी सुझाव

एक बार में तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना बाकी हो, लेकिन मुस्लिमों की प्रतिनिधि संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीबी) ने इसे रोकने के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। बोर्ड की महिला वर्ग का गठन करने के साथ ही सात भाषाओं में टोल फ्री महिला हेल्पलाइन शुरू कर दी है।

एक बार में तीन तलाक पर न सिर्फ मुस्लिम समुदाय में सही या गलत की बहस शुरू है बल्कि गैर मुस्लिम समाज भी इसे महिलाओं के हित में नहीं मानता है। एक मुस्लिम महिला संगठन भी तीन तलाक के विरोध में है। फिलहाल यह प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

हेल्पलाइन नंबर : उर्दू के अलावा इंग्लिश, तामिल, मलयाली, बंगाली, तेलगू और कन्नड़ भाषाओं में भी सवाल-जवाब किए जा सकेंगे।

हेल्पलाइन नंबर 1800 102 8426 पर देश भर से मुस्लिम महिलाएं सवाल पूछ सकती हैं। बोर्ड का विशेष पैनल सुबह 10 से शाम 5 बजे तक शंका का समाधान करेगा।

अमीर शरीयत बिहार, ओडिशा सैय्यद शाह मिनाएत उल्लाह रहमानी, दारुल उलूम देवबंद के प्रबंधक कारी मोहम्मद तैय्यब ने देवबंद में बैठक की। 1972 में मुंबई में सम्मेलन बुलाया गया। 7 अप्रैल 1973 को हैदराबाद में ऑल इडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का गठन हुआ।

मोहतरमा हिना जहीर, महिला शहर की काजी ने कहा कि पर्सनल लॉ बोर्ड की महिला हेल्पलाइन से यह माना जाना चाहिए कि उसने महिलाओं को हक देना शुरू किया है। तमाम तरह के सवाल महिलाओं और बेटियों के जेहन में होते हैं। अब सही प्लेटफॉर्म से जवाब मिल सकेगा।

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