…तो अब बिजली बिल में भी आधार होगा जरूरी!

आधार के जरिए बिजली बिल लेने का इंतजाम करें राज्य: गोयल

नई दिल्ली
आधार को जरूरी सेवाओं के लिए अनिवार्य किए जाने का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इस बीच बिजली बिल के भुगतान को भी आधार से जोड़ने की तैयारी शुरू कर दी गई है। केंद्र सरकार ने राज्यों से बिजली के बिलों का डिजिटल भुगतान आधार से जुड़े बैंक खातों के माध्यम से सुनिश्चित करने को कहा है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि बिजली बिल को आधार से जोड़ना ग्राहकों के लिए फायदेमंद साबित होगा।

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ऊर्जा और खदान मंत्रियों की कॉन्फ्रेंस में गोयल ने कहा, 'यह जरूरी नहीं है, लेकिन सभी के हित में है क्योंकि अगर आप बिल का भुगतान डिजिटल माध्यम से करेंगे तो आपके पास यह ठीक-ठीक सबूत होगा कि आपने बिल का भुगतान किया है। यह पहल जनता को मदद करेगी और इस संबंध में कोशिश की जानी चाहिए।' उन्होंने कहा कि इसका फैसला राज्यों को लेना है कि वे बिजली बिलों के भुगतान की प्रणाली को आधार से जुड़े खातों से जोड़ें या नहीं, लेकिन निश्चित तौर पर यह कहा जा सकता है कि यह ग्राहकों के हित में है।

बता दें कि सरकार ने हाल में आयकर रिटर्न फाइल करने के लिए आधार को जरूरी कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में भी सरकार ने अपनी तरफ से साफ किया है कि पैन नंबर के जरिए होने वाले फ्रॉड को रोकने के लिए आधार को अनिवार्य किया जाना जरूरी है।

गोयल ने यह भी कहा कि सरकार राज्यों को बिजली आवंटन के मसौदे को फिर तैयार कर रही है। उन्होंने कहा, 'हम फॉर्म्युले पर काम कर रहे हैं। हम इस बात पर फिर से विचार कर रहे हैं कि हम इसे (पावर आवंटन पॉलिसी) किस तरह मजबूत बना सकते हैं। फिलहाल गाडगिल फॉर्म्युले पर बिजली का बंटवारा होता है। इसके तहत राज्यों के प्लान के लिए केंद्रीय मदद के लिए नियम और शर्तों को तय किया जाता है। उनका यह भी कहना था कि ज्यादा से ज्यादा बिजली उन को दी जाएगी, जो न्यूक्लियर प्लांट्स स्थापित करने को बढ़ावा देंगे।

बिजली के कमर्शल नुकसान में गिरावट और कॉस्ट की बेहतर कवरेज से राज्यों की पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों में मामूली बेहतरी से राज्यों की पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों के ऑपरेशनल परफॉर्मेंस में सुधार हुआ है। पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन (PFC) की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

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