दिल्ली पर किसानों का महाघेरा, 9 बजे करेंगे कूच, पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

नई दिल्ली, देश भर के किसान एक बार फिर राजधानी दिल्ली कूच कर रहे हैं. पूरे देश में पदयात्रा के बाद बड़ी संख्या में किसान 29 और 30 नवंबर को दिल्ली आने वाले आठ प्रमुख रास्तों से दाखिल होने वाले हैं, जिसे लेकर दिल्ली पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है. इस वक्त ये किसान दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पर बिजवासन इलाके में ठहरे हुए हैं. सुबह 9:00 बजे यहां से निकलेंगे और तकरीबन 25 किलोमीटर की पदयात्रा करते हुए रामलीला मैदान पहुंचेंगे. योगेंद्र यादव इस मार्च की अगुवाई कर रहे हैं.

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के बैनर तले यह किसान इकट्ठा हुए हैं. पूर्ण ऋण माफी और फसलों की लागत का डेढ़ गुना मुआवजे की मांग और एमएस स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट को पूरी तरह से लागू करने की मांग को लेकर किसान जुटे हैं.

हालांकि पिछले आंदोलन से ये आंदोलन काफी हद तक अलग है. एक तरफ किसानों की संख्या कम नजर रही है तो वहीं दूसरी ओर ये किसान बेहद व्यवस्थित हैं. पिछली बार सड़कों पर जमे किसान इस बार सामुदायिक भवन में ठहरे हुए हैं. इस बार इनका नेतृत्व योगेंद्र यादव कर रहे हैं.

दिल्ली पुलिस ने किसानों के कूच को देखते हुए एडवाइजरी जारी की है, जिसमें साफ कहा है कि जंतर-मंतर पर एक हजार से ज्यादा लोगों का जमा होना प्रतिबंधित है. ऐसे में अगर किसानों की संख्या इससे ज्यादा जाती है तो उन्हें रामलीला मैदान में धरना-प्रदर्शन करना होगा.
करीब 200 किसान संगठनों की रैली

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर देशभर के दो सौ से ज्यादा किसान-मजदूर संगठन दो दिनों तक देश की राजधानी दिल्ली में जुट रहे हैं. प्रस्तावित कार्यक्रम के मुताबिक, 'किसान मुक्ति यात्रा' नाम से किए जा रहे इस विशाल प्रदर्शन में किसान दिल्ली के जंतर-मंतर पर जुटेंगे और फिर वहां से संसद के लिए मार्च करेंगे.

किसानों की तादाद को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने एहतियातन एडवाइजरी जारी करते हुए बड़ी संख्या में जंतर मंतर पर न जुटने के निर्देश दिए हैं.

किसानों को कर्ज से मुक्ति दिलाने और कृषि उत्पाद लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य मुहैया कराने की मांग को लेकर लगभग 200 किसान संगठनों के आह्वान पर गुरुवार से आयोजित आंदोलन के लिये किसानों का दिल्ली का पहुंचना शुरू हो गया है.

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा बुलाए गए संसद मार्च को वाम दलों सहित 21 राजनीतिक दलों का समर्थन हासिल है. मेघालय, जम्मू कश्मीर, गुजरात और केरल सहित देश के विभिन्न राज्यों से किसानों के समूह सड़क और रेल मार्ग से दिल्ली और आसपास के इलाकों में इकट्ठा होने लगे हैं. समिति के संयोजक हन्नान मोल्लाह ने इसे अब तक का सबसे बड़ा किसान आंदोलन होने का दावा करते हुए कहा कि गुरुवार को रामलीला मैदान में किसान सभा के आयोजन के बाद शुक्रवार को किसानों का हुजूम रामलीला मैदान से संसद मार्च करेगा.

किसानों को कर्ज से मुक्ति दिलाने और कृषि उत्पाद लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य मुहैया कराने की मांग को लेकर यह प्रदर्शन बुलाया गया है.
 

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