निहंग प्रमुख का दावा- सिंघु बॉर्डर छोड़ने के लिए हुई रुपयों की पेशकश

नई दिल्ली. सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर हुई बर्बर हत्या के बाद निहंग समूह (Nihang) चर्चा में है. अब मंगलवार को समूह के प्रमुख बाबा अमन सिंह (Baba Aman Singh) की एक कथित तस्वीर वायरल हुई है, जिसमें केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर (Narendra Singh Tomar) भी नजर आ रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक बाबा ने आरोप लगाए हैं कि सरकार ने उन्हें धरनास्थल छोड़कर जाने के लिए रुपयों की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया. इस पर पंजाब के उप-मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा है कि तस्वीर ने ‘लोगों के दिमाग में शक पैदा कर दिया है.’
जिस तस्वीर पर हंगामा मचा है, उसमें कृषि मंत्री तोमर, बाबा अमन सिंह, पंजाब पुलिस के अधिकारी गुरमीत सिंह पिंकी नजर आ रहे हैं. पिंकी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया और उन्हें हत्या के मामले में दोषी भी ठहराया गया था. इस तस्वीर में भारतीय जनता पार्टी के नेता हरविंदर गरेवाल भी नजर आ रहे हैं. माना जा रहा है कि फोटो करीब 2 महीने पुरानी है.
सिंघु बॉर्डर पर हुई दलित सिख की लिंचिंग के मामले में अमन सिंह के समूह का सदस्य मुख्य आरोपी है. सिंह ने भी घटना के बाद दिए बयान में हत्या को सही ठहराया था. अमन सिंह ने कथित रूप से मंगलवार को कहा, ‘मुझे किसान विरोध प्रदर्शन स्थल छोड़कर जाने के लिए 10 लाख रुपयों की पेशकश की गई थी. मेरे संगठन को भी 1 लाख रुपये की पेशकश हुई थी, लेकिन हम खरीदे नहीं जा सके.’ उन्होंने कहा कि इस बात का फैसला 27 अक्टूबर को होगा कि निहंग सिंघु बॉर्डर पर रुकेंगे या नहीं. हालांकि, इस पर कृषि मंत्रालय ने प्रतिक्रिया नहीं दी है.
गुरमीत सिंह ने कहा, ‘यह सच है कि मैं बाबा अमन को जानता हूं और हम अगस्त में मंत्री के घर गए थे, लेकिन मुलाकात का मकसद अलग था. मैं कुछ निजी काम से गया था. निहंग प्रमुख कृषि बिलों पर बात कर रहे थे. लेकिन मेरे सामने उन्हें रुपयों की कोई पेशकश नहीं की गई. मुझे नहीं पता कि उनके और तोमर के बीच क्या हुआ.’
पंजाब के उप मुख्यमंत्री रंधावा ने नाम लिए बगैर दावा किया कि यही निहंग नेता हत्या के मुख्य आरोपी का ‘बचाव’ कर रहा था. समूह ने पीड़ित पर सिख समुदाय की पवित्र किताब का अपमान करने के आरोप लगाए थे. उन्होंने बयान दिया कि इस खुलासे के बाद कि निहंग नेता भारत सरकार, कृषि मंत्री नरेंद्र  तोमर के संपर्क में थे, लिंचिंग वाले मामले ने एकदम नया मोड़ ले लिया है.
उन्होंने दावा किया, ‘यहां किसानों के आंदोलन को बदनाम करने की गहरी साजिश लग रही है.’ उन्होंने कहा कि तरनतारन के चीमा कलां गांव का दलित पीड़ित लखबीर सिंह बहुत ही गरीब था. उन्होंने कहा, ‘हमें यह पता लगाना होगा कि उसे कौन फुसलाकर सिंघु बॉर्डर ले गया और किसने उसे यात्रा के पैसे दिए, क्योंकि वह खुद के लिए भोजन भी नहीं खरीद सकता.’ रंधावा ने बताया कि उन्होंने स्थानीय प्रशासन को यह पता लगाने के निर्देश दे दिए हैं कि किन हालात में उसे सिंघु बॉर्डर ले जाया गया था.
साथ ही डिप्टी सीएम ने यह भी कहा कि निहंग नेता को भी बताना होगा कि वे किस क्षमता से कृषि मंत्री तोमर से मिले. और क्या उन्हें ऐसा करने के लिए किसान संगठनों ने कहा था. उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ‘साजिश’ का खुलासा करने और अपराधियों का पता लगाने के लिए सब कुछ करेगी. पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने भी आरोप लगाए हैं कि सिंघु बॉर्डर पर हुई हत्या के मामले में ‘एजेंसियों’ की भूमिका हो सकती है. उन्होंने मामले की गहन जांच की मांग की है.

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