नोटबंदी के बाद 60 आदेश? पीएम नरेंद्र मोदी कह रहे हैं कि यह जवाबदेह सरकार का प्रतीक है

नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद सरकार के नियमों में लगातार बदलाव के चलते हुई आलोचना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह जवाबदेह सरकार का प्रतीक है. 8 नवंबर को पीएम मोदी ने 500 और 1000 रुपये के तब के प्रचलन में चल रहे नोटों पर रोक की घोषणा की थी. सरकार का यह दावा था कि यह कदम भ्रष्टाचार और कालाधन पर रोक के लिए उठाया गया है.

पीएम मोदी ने अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में कहा कि जो लोग भ्रष्टाचार और कालेधन का खुलेतौर पर समर्थन नहीं कर पा रहे वे लोग सरकार के कामों में कमी को तलाश रहे हैं.

पीएम मोदी ने बताया कि एक अन्य मुद्दा जो सामने आया कि आखिर बार-बार नियमों को क्यों बदला जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह सरकार लोगों को लिए है. उन्होंने कहा कि सरकार लगातार प्रयास करती रही कि लोगों से फीडबैक लिया जाए. ऐसे कौन से क्षेत्र हैं जहां पर लोगों को दिक्कत हो रही. इनका समाधान किया है.


उल्लेखनीय है कि जब से नोटबंदी लागू की गई है तबसे रिजर्व बैंक ने 60 से ज्यादा बार अलग-अलग आदेश दिए जिनमें नियमों को बदला गया. इस प्रकार के बदलाव का विपक्ष ने कड़ा विरोध किया और साथ जिन लोगों ने सरकार के कदम का साथ दिया था वह भी इस प्रकार के लगातार बदलाव से नाराज दिखे.

पीएम मोदी ने कहा कि जब विरोधी लगातार नए तरीकों को आजमा रहे थे तो हमें भी कालाधन, भ्रष्टाचार और गलत बिजनेस के तरीकों को रोकने के लिए अलग-अलग निर्णय लेने पड़ेंगे.

पीएम मोदी की मन की बात के बाद विपक्ष ने हमला बोला. लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी ने सरकार की नीति को 'अराजकतावादी' बताया. उन्होंने कहा कि यदि यह गुड गवर्नेंस है तो हमें बैटर गवर्नेंस चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि देश के लोगों को अब करेंसी पर विश्वास नहीं रह गया है. उन्होंने कहा कि जो सरकार कहती है उसकी कुछ मान्यता होती है. जो प्रधानमंत्री ने इस पूरी नोटबंदी की प्रक्रिया के दौरान किया है उसने सरकार के शब्दों से लोगों का विश्वास उठा दिया है. अब लोग अपना पैसा दूसरी करेंसी (माध्यम) में रखना चाहेंगे.

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