पीएम मोदी ने लोगों से की ‘स्‍वच्‍छता ही सेवा’ अभियान से जुड़ने की अपील

नई दिल्‍ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिये देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं. इस रेडियो कार्यक्रम का यह 48वां संस्‍करण है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात की शुरुआत करते हुए कहा कि हर भारतीय को हमारे सशस्त्र बलों और सेना के जवानों पर गर्व है. प्रत्येक भारतीय चाहे वो किसी भी क्षेत्र, जाति, धर्म का क्यों न हो, हमारे सैनिकों के प्रति अपनी खुशी और समर्थन अभिव्यक्त करने के लिए हमेशा तत्पर रहता है.

नई दिल्‍ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिये देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं. इस रेडियो कार्यक्रम का यह 48वां संस्‍करण है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात की शुरुआत करते हुए कहा कि हर भारतीय को हमारे सशस्त्र बलों और सेना के जवानों पर गर्व है. प्रत्येक भारतीय चाहे वो किसी भी क्षेत्र, जाति, धर्म का क्यों न हो, हमारे सैनिकों के प्रति अपनी खुशी और समर्थन अभिव्यक्त करने के लिए हमेशा तत्पर रहता है.

 

जोधपुरः 'पराक्रम पर्व' पर पीएम मोदी ने शहीदों की शहादत को किया सलाम

पराक्रम पर्व मनाने जोधपुर पहुंचे थे पीएम मोदी. (फाइल फोटो)

 

 

पराक्रम पर्व के अवसर पर प्रधानमंत्री ने वीरों की भूमि राजस्थान के जोधपुर में एक कार्यक्रम में स्वयं के भाग लेने का जिक्र करते हुए कहा कि अब यह तय हो चुका है कि हमारे सैनिक उन सबको मुंहतोड़ जवाब देंगे जो हमारे राष्ट्र में शांति और उन्नति के माहौल को नष्ट करने का प्रयास करेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि पराक्रम पर्व जैसा दिवस युवाओं को हमारी सशस्त्र सेना के गौरवपूर्ण विरासत की याद दिलाता है और देश की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने के लिए हमें प्रेरित भी करता है.

 

पीएम मोदी ने कहा कि 15 सितंबर से देश में स्‍वच्‍छता ही सेवा अभियान प्रारंभ हुआ. करोड़ों लोग इस अभियान में जुड़े और मुझे भी सौभाग्य मिला कि मैं दिल्ली के अम्बेडकर स्कूल में बच्चों के साथ स्वच्छता श्रमदान करूं. मैं उस स्कूल में गया जिनकी नींव खुद पूज्य बाबा साहब ने रखी थी.' उन्‍होंने कहा कि देशभर में हर तबके के लोग इस श्रमदान से जुड़ें. संस्थाओं ने भी इसमें बढ़-चढ़कर के अपना योगदान दिया. स्कूल-कॉलेज के छात्रों, एनसीसी, एनएसएस, युवा संगठन, मीडिया, कॉरपोरेट जगत सभी ने बड़े पैमाने पर श्रमदान किया. मैं इसके लिए इन सभी स्वच्छता प्रेमियों को बधाई देता हूं.

 

उन्‍होंने कहा कि स्‍वच्‍छ भारत मिशन केवल देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में एक सफल कहानी बन चुका है जिसके बारे में हर कोई बात कर रहा है. इस बार भारत इतिहास में दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सम्मेलन आयोजित कर रहा है. ‘महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन’.

 

देश ने पराक्रम पर्व मनाया

उन्‍होंने कहा 'कल भारत के सवा-सौ करोड़ देशवासियों ने 2016 में हुई सर्जिकल स्‍ट्राइक को याद करते हुए पराक्रम पर्व मनाया. जब हमारे सैनिकों ने हमारे राष्ट्र पर आतंकवाद की आड़ में छद्म युद्ध की धृष्टता करने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया था.' उन्‍होंने कहा कि पराक्रम पर्व पर देश में अलग-अलग स्थानों पर हमारे सशस्त्र बलों ने प्रदर्शनियां लगाईं ताकि देश के नागरिक खासकर युवा-पीढ़ी यह जान सके कि हमारी ताकत क्या है, हम कितने सक्षम हैं और कैसे हमारे सैनिक अपनी जान जोखिम में डालकर देशवासियों की रक्षा करते हैं.

 

सेना ने हमेशा दिया मुंहतोड़ जवाब

1947 में वायुसेना ने श्रीनगर को हमलावरों से बचाने के लिए ये सुनिश्चित किया कि भारतीय सैनिक और उपकरण युद्ध के मैदान तक समय पर पहुंच जाएं. वायुसेना ने 1965 में भी दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया. 1999 करगिल की घुसपैठियों के कब्‍जे से मुक्त कराने में भी वायुसेना की भूमिका अहम रही है. “राहत कार्य हो, बचाव कार्य हो या फिर आपदा प्रबंधन, हमारे एयर वारियर्स के सराहनीय कार्य को लेकर देश वायुसेना के प्रति कृतज्ञ है”.

 

'शांति में विश्‍वास करते हैं हम'

उन्‍होंने कहा "हम शांति में विश्वास करते हैं और इसे बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन सम्मान से समझौता करके और राष्ट्र की संप्रभुता की कीमत पर कतई नहीं, भारत सदा ही शांति के प्रति वचनबद्ध और समर्पित रहा है" उन्‍होंने कहा कि 23 सितंबर को हमने इजरायल में हाइफा की लड़ाई के सौ वर्ष पूरे होने पर मैसूर, हैदराबाद और जोधपुर लांसर्र के हमारे वीर सैनिकों को याद किया जिन्होंने आक्रान्ताओं से हाइफा को मुक्ति दिलाई थी, यह भी शांति की दिशा में हमारे सैनिकों द्वारा किया गया एक पराक्रम था.

 

वायुसेना की ताकत बताई

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भी संयुक्‍त राष्‍ट्र की अलग-अलग शांति सेनाओं में भारत सबसे अधिक सैनिक भेजने वाले देशों में से एक है. दशकों से हमारे बहादुर सैनिकों ने नीला हेलमेट पहनकर विश्व में शांति कायम रखने में अहम भूमिका निभाई है. उन्‍होंने कहा कि 8 अक्टूबर को हम ‘वायुसेना दिवस’ मनाते हैं. 1932 में छह पायलट और 19 वायु सैनिकों के साथ एक छोटी सी शुरुआत से हमारी वायुसेना आज 21वीं सदी की सबसे साहसिक और शक्तिशाली वायु सेनाओं में शामिल हो चुकी है. यह अपने आप में एक यादगार यात्रा है.

 

वायुसेना ने खोले महिलाओं के लिए दरवाजे

देश में स्त्री और पुरुष की समानता सुनिश्चित करने में वायुसेना ने मिसाल कायम करते हुए अपने प्रत्येक विभाग के द्वार उनके लिए खोल दिए हैं. अब महिलाओं के पास शॉर्ट सर्विस कमीशन के साथ स्‍थायी कमीशन का विकल्प भी है जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री ने लाल किले से की थी. भारत गर्व से कह सकता है कि भारत की सेना में सशस्त्र बलों में पुरुष शक्ति ही नहीं, स्त्री-शक्ति का भी उतना ही योगदान बनता जा रहा है. नारी सशक्त तो है, अब सशस्त्र भी बन रही है.

नई दिल्‍ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिये देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं. इस रेडियो कार्यक्रम का यह 48वां संस्‍करण है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात की शुरुआत करते हुए कहा कि हर भारतीय को हमारे सशस्त्र बलों और सेना के जवानों पर गर्व है. प्रत्येक भारतीय चाहे वो किसी भी क्षेत्र, जाति, धर्म का क्यों न हो, हमारे सैनिकों के प्रति अपनी खुशी और समर्थन अभिव्यक्त करने के लिए हमेशा तत्पर रहता है.

 

जोधपुरः 'पराक्रम पर्व' पर पीएम मोदी ने शहीदों की शहादत को किया सलाम

पराक्रम पर्व मनाने जोधपुर पहुंचे थे पीएम मोदी. (फाइल फोटो)

 

 

पराक्रम पर्व के अवसर पर प्रधानमंत्री ने वीरों की भूमि राजस्थान के जोधपुर में एक कार्यक्रम में स्वयं के भाग लेने का जिक्र करते हुए कहा कि अब यह तय हो चुका है कि हमारे सैनिक उन सबको मुंहतोड़ जवाब देंगे जो हमारे राष्ट्र में शांति और उन्नति के माहौल को नष्ट करने का प्रयास करेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि पराक्रम पर्व जैसा दिवस युवाओं को हमारी सशस्त्र सेना के गौरवपूर्ण विरासत की याद दिलाता है और देश की एकता और अखंडता सुनिश्चित करने के लिए हमें प्रेरित भी करता है.

 

पीएम मोदी ने कहा कि 15 सितंबर से देश में स्‍वच्‍छता ही सेवा अभियान प्रारंभ हुआ. करोड़ों लोग इस अभियान में जुड़े और मुझे भी सौभाग्य मिला कि मैं दिल्ली के अम्बेडकर स्कूल में बच्चों के साथ स्वच्छता श्रमदान करूं. मैं उस स्कूल में गया जिनकी नींव खुद पूज्य बाबा साहब ने रखी थी.' उन्‍होंने कहा कि देशभर में हर तबके के लोग इस श्रमदान से जुड़ें. संस्थाओं ने भी इसमें बढ़-चढ़कर के अपना योगदान दिया. स्कूल-कॉलेज के छात्रों, एनसीसी, एनएसएस, युवा संगठन, मीडिया, कॉरपोरेट जगत सभी ने बड़े पैमाने पर श्रमदान किया. मैं इसके लिए इन सभी स्वच्छता प्रेमियों को बधाई देता हूं.

 

उन्‍होंने कहा कि स्‍वच्‍छ भारत मिशन केवल देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में एक सफल कहानी बन चुका है जिसके बारे में हर कोई बात कर रहा है. इस बार भारत इतिहास में दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सम्मेलन आयोजित कर रहा है. ‘महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन’.

 

देश ने पराक्रम पर्व मनाया

उन्‍होंने कहा 'कल भारत के सवा-सौ करोड़ देशवासियों ने 2016 में हुई सर्जिकल स्‍ट्राइक को याद करते हुए पराक्रम पर्व मनाया. जब हमारे सैनिकों ने हमारे राष्ट्र पर आतंकवाद की आड़ में छद्म युद्ध की धृष्टता करने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया था.' उन्‍होंने कहा कि पराक्रम पर्व पर देश में अलग-अलग स्थानों पर हमारे सशस्त्र बलों ने प्रदर्शनियां लगाईं ताकि देश के नागरिक खासकर युवा-पीढ़ी यह जान सके कि हमारी ताकत क्या है, हम कितने सक्षम हैं और कैसे हमारे सैनिक अपनी जान जोखिम में डालकर देशवासियों की रक्षा करते हैं.

 

सेना ने हमेशा दिया मुंहतोड़ जवाब

1947 में वायुसेना ने श्रीनगर को हमलावरों से बचाने के लिए ये सुनिश्चित किया कि भारतीय सैनिक और उपकरण युद्ध के मैदान तक समय पर पहुंच जाएं. वायुसेना ने 1965 में भी दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया. 1999 करगिल की घुसपैठियों के कब्‍जे से मुक्त कराने में भी वायुसेना की भूमिका अहम रही है. “राहत कार्य हो, बचाव कार्य हो या फिर आपदा प्रबंधन, हमारे एयर वारियर्स के सराहनीय कार्य को लेकर देश वायुसेना के प्रति कृतज्ञ है”.

 

'शांति में विश्‍वास करते हैं हम'

उन्‍होंने कहा "हम शांति में विश्वास करते हैं और इसे बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन सम्मान से समझौता करके और राष्ट्र की संप्रभुता की कीमत पर कतई नहीं, भारत सदा ही शांति के प्रति वचनबद्ध और समर्पित रहा है" उन्‍होंने कहा कि 23 सितंबर को हमने इजरायल में हाइफा की लड़ाई के सौ वर्ष पूरे होने पर मैसूर, हैदराबाद और जोधपुर लांसर्र के हमारे वीर सैनिकों को याद किया जिन्होंने आक्रान्ताओं से हाइफा को मुक्ति दिलाई थी, यह भी शांति की दिशा में हमारे सैनिकों द्वारा किया गया एक पराक्रम था.

 

वायुसेना की ताकत बताई

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भी संयुक्‍त राष्‍ट्र की अलग-अलग शांति सेनाओं में भारत सबसे अधिक सैनिक भेजने वाले देशों में से एक है. दशकों से हमारे बहादुर सैनिकों ने नीला हेलमेट पहनकर विश्व में शांति कायम रखने में अहम भूमिका निभाई है. उन्‍होंने कहा कि 8 अक्टूबर को हम ‘वायुसेना दिवस’ मनाते हैं. 1932 में छह पायलट और 19 वायु सैनिकों के साथ एक छोटी सी शुरुआत से हमारी वायुसेना आज 21वीं सदी की सबसे साहसिक और शक्तिशाली वायु सेनाओं में शामिल हो चुकी है. यह अपने आप में एक यादगार यात्रा है.

 

वायुसेना ने खोले महिलाओं के लिए दरवाजे

देश में स्त्री और पुरुष की समानता सुनिश्चित करने में वायुसेना ने मिसाल कायम करते हुए अपने प्रत्येक विभाग के द्वार उनके लिए खोल दिए हैं. अब महिलाओं के पास शॉर्ट सर्विस कमीशन के साथ स्‍थायी कमीशन का विकल्प भी है जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री ने लाल किले से की थी. भारत गर्व से कह सकता है कि भारत की सेना में सशस्त्र बलों में पुरुष शक्ति ही नहीं, स्त्री-शक्ति का भी उतना ही योगदान बनता जा रहा है. नारी सशक्त तो है, अब सशस्त्र भी बन रही है.

 

बता दें कि इससे पहले 26 अगस्‍त को मन की बात के 47वें संस्‍करण में पीएम मोदी ने महिला सुरक्षा के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता जताई थी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि देश की नारी शक्ति के खिलाफ कोई भी सभ्य समाज किसी भी प्रकार के अन्याय को बर्दाश्त नहीं कर सकता. उन्‍होंने कहा था कि इसी उद्देश्य से दुष्कर्म के दोषियों के खिलाफ कठोर कानून बनाया गया है और मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए तीन तलाक संबंधी विधेयक को संसद से मंजूरी को प्रयासरत हैं.

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