प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय बाल्को कोरबा द्वारा जीवन मे नैतिक शिक्षा के महत्व पर आयोजित हुई कार्यशाला

कोरबा प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय बाल्को कोरबा के द्वारा ऑनलाइन वेबिनार के माध्यम से जीवन मे नैतिक मूल्यों की शिक्षा का महत्व विषय पर कार्यशाला का आयोजन हुवा जिसमे कोरबा जिले अंतर्गत विभिन्न स्कूलों के बच्चे के साथ साथ प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर अलग अलग राज्यों से बच्चों ने ऑनलाइन वेबिनार का हिस्सा बन कार्यक्रम में सम्मिलित हुवे
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय बाल्को कोरबा की ब्रह्मकुमारी बहन विद्या जी से हुई परिचर्चा में उन्होंने बतलाया कि दिनांक 25 एवं 26 सितंबर को  प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय बाल्को कोरबा द्वारा ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया था, जिसमे माउंट आबू से ब्रम्हाकुमार भ्राता भगवान जी ने स्पीकर के तौर पर शिरकत की जो कि एक मोटिवटिवेशनल स्पीकर हैं, व जिन्होंने तकरीबन भारत वर्ष के तकरीबन 5000 स्कूलों व 800 जेलों में नैतिक शिक्षा प्रदान करने की सेवा की हुई है, जिसके लिए उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है, जिन्होंने दो दिवस संध्या 7:15 से 8:30 तक उक्त वेबिनार में बच्चों को नैतिक शिक्षा प्रदान करने रूपी सेवा की इस दौरान उन्होंने नैतिक मूल्य से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर गहन परिचर्चा की उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुवे बतलाया की  हमें कुसंग नहीं करना चाहिए चूंकि जैसी संगत वैसी रंगत हमें सत्संग करना चाहिए, कुसंग से दूर रहना चाहिए, नशा जीवन मे कभी ना करने का संकल्प लेने को प्रेरित किये, आगे उन्होंने विद्यार्थी जीवन मे खान पान को संतुलित रखने का परामर्श दिया उन्होंने बतलाया कि विद्यार्थी जीवन में हमें सात्विक अन्न लेना चाहिए भोजन व अन्न को परमात्मा शक्ति से चार्ज कर भोजन करना चाहिए, वेजिटेरिअन भोज्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए, टीवी कम देखना चाहिए मोबाइल का उपयोग केवल पढ़ाई के लिये करना चाहिए या पीजिटिव जानकारियां हांसिल करने के लिये करना चाहिए, फैशन नहीं करना चाहिए अक्सर आजकल के बच्चे सिनेमा के हीरो या विलन को देखकर उन जैसे बाल रखना शुरू कर देते हैं उन जैसे कपड़े पहनना शुरू कर देते हैं, जबकि विद्यार्थी जीवन में  हमें सादगी पसंद होना चाहिए, संतुलित भोजन करना चाहिए, हमें सहनशील बनना चाहिए, सहनशीलता एक गुण है शक्ति है अगर कोई हमपर क्रोध करता है तो हमें रिएक्शन में क्रोध कर अपने आप को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए, अक्सर क्रोध में लोग अपने आप को तो तकलीफ पहुंचाते ही हैं अपने आप का नुकसान करते हैं साथ ही साथ सामने वाले का भी नुकसान कर बैठते हैं जो कि बिल्कुल गलत है, हममे सामने की शक्ति होनी चाहिए, की बातों को अपने मे समा लें, आज के बच्चों में सहन शक्ति को बहोत कमी होती है जिसकी वजह से छोटी छोटी बात में बच्चे आपस मे लड़ पड़ते हैं, बच्चों को गुणग्राही बनना चाहिए, अक्सर लोग एक दूसरे की कमियां देखते रहते हैं जिससे उनकी कमियां हमारे चित्त का हिस्सा बन जाती है व हमें नुकसान पहुंचाती है, इसलिये हमें अपने आप को गुणग्राही बनाना चाहिए जिससे दूसरे के गुणों को खुद में धारण करते चले तो इस तरह से हममे कितने ही गुण भरते जाएंगे व हम गुणवान बनते जाएंगे, आगे भगवान भाई जी ने बच्चों को कहा कि हमे हिंसा नहीं करनी चाहिए व नेगेटिव सिचुवेसन में भी पॉजिटिव बने रहना चाहिए अगर कोई हमारे साथ बुरा करता है तो यह उसके कर्म हमें उसे माफ करते आगे बढ़ते रहना चाहिये क्योकि कोई बुरा करता है यह उसके संस्कार वश, हमें उन जैसा व्यवहार कर उन जैसा संस्कार अपने मे धारण नहीं करना चाहिए, इसके अलावे बच्चों में संस्कार को प्रवाहित करने के लिये भगवान भाई जी कहानियां सुनाई वैसे तो उनके पास 900 कहानियों का संग्रह है, पर समय की कमी की वजह से उन्होंने 7 कहानियों के माध्यम से संस्कारों को बच्चे में प्रवाहित करने का यत्न किया साथ ही अपने जीवन के अनुभव भी बच्चों के साथ सांझा करते गए जिससे कि क्लास अत्यंत ही प्रभावशील रहा इस तरह से आज का कार्यक्रम सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी बाल्को कोरबा की ब्रम्हाकुमारी विद्या बहन ने बतलाया कि जब से लॉक डाउन लगा है तब से तकरीबन पिछले साढ़े 5 महीनों से बच्चों हेतु पर्सनालिटी डेवलपमेंट क्लासेस का निःशुल्क तौर पर संचालन किया जा रहा है, जिसमे समय समय लर ब्रम्हाकुमारिज संस्थान से जुड़े राष्ट्रीय स्तर के वक्ताओं को बच्चों को मोटीवेट करने के लिये आमंत्रित किया जाता है, इसी तारतम्य में दिनांक 25 व 26 सितंबर को संध्या 7:15 बजे से रात्रि 8:30 बजे तक ऑनलाइन वेबिनार के माध्यम से क्लासेस संचालित क्लासेस में माउंट आबू से ब्रम्हाकुमार भगवान भाई जी ने अपने कीमती समय का योगदान बच्चों में संस्कार प्रवाहित करने के लिये दिया, इस दौरान नैतिक शिक्षा के जीवन मे महत्व विषय पर प्रकाश डालते हुवे उन्होंने आने वक्तव्य रखे कार्यक्रम दो दिवस नियमित तय समय पर आयोजित हुवा आगे और भी वक्ताओं को ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से जोड़कर बच्चों को इस तरह से लाभ पहुंचाते रहेंगे, व यह इनर पर्सनालिटी डेवलपमेंट क्लासेस यथवत चलता रहेगा

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