मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तेजस्वी यादव से ED ने की 9 घंटे पूछताछ
सीबीआई ने इसी मामले में हाल ही में तेजस्वी और लालू यादव के बयान दर्ज किए थे। इससे पहले यूपीएस सरकार में मंत्री रहे पीसी गुप्ता की पत्नी समेत कई और लोगों से पूछताछ की जा चुकी है।
एजेंसी ने मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और अन्य के खिलाफ आपराधिक मामला कुछ समय पहले दर्ज किया था।
एजेंसी ने खुद की आपराधिक शिकायत के संबंध में सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी को संज्ञान में लिया है। जुलाई में सीबीआई ने एक आपराधिक प्राथमिकी दर्ज करके बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और कई अन्य के खिलाफ कई स्थानों पर तलाशी ली थी।
ईडी द्वारा दर्ज आरोपों के तहत राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और अन्य के खिलाफ जांच होगी। यह मामला उस समय का है जब लालू प्रसाद यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे।
सीबीआई प्राथमिकी में विजय कोचर, विनय कोचर (सुजाता होटल के निदेशक), डिलाइट मार्केटिंग कंपनी (मौजूदा समय में लारा प्रोजेक्ट) और आईआरसीटीसी के तत्कालीन निदेशक पीके गोयल का नाम है।
सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने आईआरसीटीसी के दो होटलों के रखरखाव का काम गलत तरीके से एक कंपनी को दिया था और इसके बदले उन्हें पटना में रिश्वत के रूप में जमीन मिली थी।