मप्र में वाहन बदलने के बाद भी वीआइपी नंबरों को रख सकेंगे मालिक

भोपाल । महंगे दामों पर वीआइपी नंबर खरीदने वाले वाहन मालिक अब अपने इस नंबर को अपने नए वाहन पर भी जारी रख सकेंगे। परिवहन विभाग ने इस संबध में ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है। जल्द ही इस संबध में अंतिम नोटिफिकेशन जारी होगा। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें एक खामी है। जिसमें पुराने वाहन को स्क्रेप करवाना जरूरी होगा। इससे इस योजना के सफल होने पर संदेह है।
हाल ही में प्रदेश सरकार ने एक ड्राफ्ट नोटिफिशन जारी कर दिया है। इस पर दावे-आपत्तियों की सुनवाई के बाद जल्द ही मध्य प्रदेश में यह व्यवस्था लागू की जाएगी। अधिकारियों के अनुसार ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के अनुसार वीआइपी नंबर ट्रांसफर करवाने के लिए यह जरूरी होगा की पहले जिस व्यक्ति के नाम पर गाड़ी थी, नई गाड़ी भी उसके ही नाम पर हो। इसके बाद वाहन मालिक को वीआइपी नंबर ऑनलाइन नीलामी से या उससे पहले लागू व्यवस्था 'पहले आओ पहले पाओ' की तरह लिए गए नंबर के लिए जो कीमत चुकाई थी उसमें नीलामी की राशि या 15 हजार रुपए जो राशि ज्यादा हो वह चुकाना होगी। इसके साथ ही पुरानी गाड़ी का नंबर नई गाड़ी के लिए तब ही मिलेगा, जब वाहन मालिक शासन की नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत वाहन को स्क्रैप करवाने के बाद पंजीयन निरस्त करवाएगा और स्क्रैप का सर्टिफिकेट जमा करवाएगा, इसके बिना पुरानी गाड़ी का नंबर नई गाड़ी पर ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। इसके अलावा नई व्यवस्था में सिर्फ वीआईपी नंबर की ट्रांसफर करवाए जा सकेंगे। इससे ऐसे लोगों को निराशा हाथ लगेगी जो अपनी गाडिय़ों के सामान्य नंबरों को भी लकी मानते हुए उन्हें भी अपने साथ रखना चाहते थे।
इन बिन्दुओं पर परेशानी
जानकारों के अनुसार अगर किसी ने पांच लाख देकर कोई वीआईपी नंबर खरीदा था तो उसे उसी नंबर के लिए दोबारा पांच लाख चुकाने होंगे। वहीं अगर वाहन मालिक अपनी बाइक का नंबर कार के लिए लेना चाहता है तो नहीं ले सकेगा। इसके अलावा कोई व्यक्ति अपने सामान्य नंबर को कार को ही लेना चाहता है तो नहीं ले सकेगा। इसके अलावा कई लोग अपनी पुरानी गाडिय़ों को भी संभालकर रखना चाहते हैं, ऐसे लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा, क्योंकि स्क्रैप सर्टिफिकेट के बिना योजना का लाभ नहीं लिया जा सकता है।

 

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