महिला ने 35 मिनट में दिया 6 बच्चों को जन्म, डिलीवरी कराने में डॉक्टरों के भी छूटे पसीने

श्योपुर । श्योपुर जिला अस्पताल में एक प्रसूता ने छह बच्चों को जन्म दिया। बच्चों का जन्म समय से महीने पहले हुआ था, इस कारण नवजातों की हालत वेहद नाजुक थी, इस कारण दो बालिकाओं ने दम तोड़ दिया। बाकी चार नवजातों को डॉक्टरों की निगरानी में एसएनसीयू में रखा गया है। बड़ौदा निवासी मूर्ति (23) पत्नी विनोद माली को पहली डिलीवरी थी। प्रसव पीड़ा उठने के बाद शनिवार को उसे बड़ौदा अस्पताल से श्योपुर रेफर किया गया था।

तेज दर्द उठा तो सोनोग्राफी करने पर हुआ खुलासा

सात महीने से भी कम समय की प्रसूता का इतनी तेज प्रसव पीड़ा देख डॉक्टरों ने उसकी सोनोग्राफी जांच कराई। जांच में पता चला कि मूर्ति के गर्भ में दो-तीन नहीं पूरे छह बच्चे हैं। यह पता लगते ही न सिर्फ मूर्ति और उसके परिजन बल्कि प्रसव कराने वाले डॉक्टर-नर्सों के भी पसीने आ गए।

35 मिनट में 6 बच्चों का जन्म

गनीमत यह रही कि बिना किसी ऑपरेशन के सामान्य डिलीवरी से मूर्ति ने बच्चों को जन्म दिया। डॉक्टरों के मुताबिक करीब 35 मिनट में मूर्ति ने सभी 6 बच्चों को जन्म दिया, जिनमें 4 बालक और 2 बालिकाएं हैं।

दो बच्चियों की मौत

नवजातों को वजन 450 ग्राम से लेकर 750 ग्राम तक था इसलिए उनकी नाजुक हालत को देखते हुए तत्काल एसएनसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। दोनों बालिकाएं ही सबसे कमजोर थी, जिनका वजन पूरा 400 से 450 ग्राम था। बालिकाओं ने इलाज के दौरान एसएनसीयू में ही दम तोड़ दिया, जबकि चार बालकों का इलाज डॉक्टरों की सघन निगरानी में चल रहा है।

बगैर ऑपरेशन के सामान्य डिलीवरी से मूर्ति ने बच्चों को दिया जन्म

जांच में पता चला कि मूर्ति के गर्भ में दो-तीन नहीं पूरे छह बच्चे हैं। यह पता लगते ही न सिर्फ मूर्ति और उसके परिजन बल्कि प्रसव कराने वाले डॉक्टर-नर्सों के भी पसीने आ गए। गनीमत यह रही कि उसने बिना किसी ऑपरेशन के सामान्य डिलीवरी से मूर्ति ने बच्चों को जन्म दिया। करीब 35 मिनट में मूर्ति ने सभी 6 बच्चों को जन्म दिया, जिनमें 4 बालक और 2 बालिकाएं हैं।

नाजुक हालत को देखते हुए तत्काल एसएनसीयू में शिफ्ट किए गए नवजात

नवजातों को वजन 450 ग्राम से लेकर 750 ग्राम तक था, इसलिए उनकी नाजुक हालत को देखते हुए तत्काल एसएनसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। दोनों बालिकाएं ही सबसे कमजोर थी, जिनका वजन पूरा 400 से 450 ग्राम था। बालिकाओं ने इलाज के दौरान एसएनसीयू में ही दम तोड़ दिया, जबकि चार बालकों का इलाज डाॅक्टरों की सघन निगरानी में चल रहा है।

 

 

 

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