मुंबई प्लेन क्रैशः UP की बेटियों ने जान देकर सैकड़ों लोगों को बचाया

नई दिल्ली, मुंबई में हादसे के शिकार प्लेन की आग तो ठंडी पड़ चुकी है, लेकिन क्रैश की वजहों से लेकर परिवार का गम नए सिरे से तूफान मचा रहा है.  क्रैश से तबाही बड़ी हो सकती थी, लेकिन पायलट और को-पायलट ने जान दे दी और सैकड़ों लोगों को मौत के मुंह से बचा लिया.


निजी कंपनी का ये प्लेन उड़ा रही थीं पायलट मारिया जुबेरी और उनके सीनियर थे दिल्ली के पायलट पीएस राजपूत. मुंबई में जैसे क्रैश की खबर मारिया के घर इलाहाबाद पहुंची तो परिवार गम में डूब गया. बुजुर्ग मां का दिल सदमे से बैठ गया. सदमा इस कदर था कि पूरा खानदान रो पड़ा. परिवार का कहना है कि मारिया देश की पहली मुस्लिम महिला पायलट थीं. जल्द ही सारा परिवार मिलने वाला था, लेकिन अब ये पूरा मिलन कभी नहीं हो सकेगा.


मारिया जुबेरी इलाहाबाद के रानी मंडी इलाके की तंग गलियों की रहने वाली थीं. बचपन से उनका सपना था कि पायलट बनकर हवा से बाते करना. शादी के बाद वह मुंबई  पहुंचीं तो उम्मीदों को पंख लग गए और वही वो पायलट की नौकरी में कामयाबी का आसमान नापने लगीं. एक दिन पहले मारिया ने अपने परिवार से बात की थी. उनकी बेटी ने  क्विज कम्पटीशन में गोल्ड मेडल हासिल किया था, लेकिन अब उसकी खुशियां धरी की धरी रह गई. मारिया के पति का कहना है कि कंपनी ने लापरवाही दिखाई जो हादसे की वजह बनी.


विमान क्रैश में दोनों पायलट के अलावा दो इंजीनियर भी मारे गए. इंजीनियर सुरभि बदायूं की रहने वाली थीं. यानी हादसे ने य़ूपी की दो बेटियों को हमेशा के लिए छीन लिया.


गौरतलब है कि मुंबई के भीड़भाड़ वाले इलाके में गुरुवार को 12 सीटों वाले एक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से दोनों पायलटों, दो विमान रखरखाव इंजीनियरों और एक पदयात्री की मौत हो गई थी. किंग एयर सी90 विमान घाटकोपर टेलीफोन एक्सचेंज के समीप ओल्ड मलिक एस्टेट में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.


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