राजस्थान में हुए 100 से ज्यादा बाघ

जयपुर। रणथंभौर में बाघिन टी-111 द्वारा चार शावकों को जन्म देने के बाद प्रदेश में बाघों की संख्या 102 हो गई है। इसके साथ ही राजस्थान सौ से ज्यादा बाघों वाला नवां प्रदेश बन गया है। इसके साथ ही एनटीसीए ने राज्य में चौथे टाइगर रिजर्व बूंदी के रामगढ़ की भी मंजूरी दे दी है। अब ट्रांसलोकेशन की तैयारियां कर यहां भी बाघ छोड़े जा सकेंगे। देश में सबसे ज्यादा 526 बाघ टाइगर स्टेट के नाम से चर्चित मध्यप्रदेश में हैं। इसके बाद कर्नाटक में 524 और उत्तराखंड में 442 का नंबर आता है।
 देश में राजस्थान से ऊपर उत्तर प्रदेश है। वहां 173 बाघ वर्तमान में हैं। बाघों के प्रजनन पर ध्यान​ दिए जाने के कारण राजस्थान देश में सौ से ज्यादा बाघों वाला नवां राज्य बना है। वर्तमान में सबसे ज्यादा बाघ 69 बाघ रणथंभौर में हैं। इनमें 51 बाघ-बाघिन और 18 शावक हैं। सरिस्का में वर्तमान में 16 बाघ-बाघिन और सात शावक हैं। इसके अलावा कैलादेवी-धौलपुर में चार-चार और मुकंदरा-रामगढ़ में एक-एक बाघ है। पिछले तीन साल में राज्य में 33 बाघों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। टाइगर रिजर्व के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा ने भी मूर्त रूप लिया है। प्रदेश में चार टाइगर रिजर्व हो जाने से यहां बाघों की संख्या में वृद्धि हो सकेगी। एनटीसीए की बैठक में मुकंदरा में भी टाइगर छोड़ने का मुद्दा भी उठा। एनटीसीए अधिकारियों ने कहा कि पहले खुद विजिट कर टाइगर शिफ्टिंग के हालात का जायजा लिया जाएगा। फिलहाल मुकंदरा टाइगर रिजर्व में भरतपुर से 500 चीतल छोड़ने को मंजूरी दे दी गई।

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