राजस्व विभाग के साठ साल पहले बने नियम निरस्त नये सिरे से एकजाई नियम बनाये गये

भोपाल। शिवराज सरकार ने राजस्व विभाग के अंतर्गत साठ साल बने अलग-अलग नियमों को निरस्त कर दिया है तथा उनके स्थान पर नये सिरे से विभिन्न संशोधनों के साथ एकजाई नियम बनाये हैं। राज्य सरकार ने राजस्व विभाग के अंतर्गत वर्ष 1960 में 18 नियम बनाये थे। इनमें शामिल थे : भूमि अंतरण, किसी खाते का कब्जा दिलाये जाने एवं दावों के निपटारों की प्रक्रिया, भूमि अधिकारों को छोडऩा, किसी परित्यक्त भूमि का कब्जा दिलाने, वृक्षों में अधिकारों का क्रय करने, जलप्लावन के कारण भू-राजस्व में कमी का निर्धारण, खातों की चकबंदी, ग्रम पटेल की नियुक्ति, ग्राम स्वच्छता, ग्राम कोटवारों की नियुक्ति, दखलरहित भूमि में फलदार वृक्षों के रोपण, वनोत्पाद के नियंत्रण, भूमि पर अनधिकृत दखल, मछली पकडऩे या गांवों में जीव जन्तुओं को पकडऩे, तालाबों के निस्तार एवं सिंचाई, अर्जी लेखकों को अनुज्ञा संबंधी नियम। इसके अलावा, वर्ष 2007 में सरकारी भूमि पर लगी इमारती लकड़ी की चोरी रोकने के नियम भी बनाये गये थे। इन सभी को निरस्त कर दिया गया है। उक्त सभी नियमों को निरस्त कर राज्य सरकार ने अब मप्र भू-राजस्व संहिता विविध नियम 2020 बनाये हैं। इन पर आम लोगों से दावे एवं आपत्तियां मांगी गई हैं। इन पर सुनवाई के बाद ये पूरे प्रदेश में अब विधानसभा उप चुनावों के परिणाम आने के बाद लागू कर दिये जायेंगे।
 

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