शराब भरेगी गहलोत सरकार का खाली खजाना, जानिये इसका पूरा गणित

जयपुर. राजस्थान की गहलोत सरकार (Gehlot government) ने सरकारी खजाने को भरने की कवायद तेज कर दी है. प्रदेश में अब शराब (Liquor) की दुकानें रात 8 बजे तक खोलने की अनुमति प्रदान कर दी गई है. अब शराब की दुकानों का समय सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक रहेगा. सरकार ने शराब से जुड़े कारोबारियों और राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए शराब की दुकानों का समय बढ़ाया है. शराब और पेट्रोल ये दो ऐसे उत्पाद हैं जिन पर राज्य सरकार अपनी जरूरत के हिसाब से टैक्स लगाकर सबसे ज्यादा राजस्व वसूलती है. शराब कारोबारी लंबे समय से राज्य सरकार से दुकानों का समय बढ़ाने की मांग कर रहे थे.

राज्य के वित्त विभाग ने गृह विभाग के आदेशों की पालना के तहत इसके आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं. वित्त राजस्व सचिव टी रविकांत के हस्ताक्षर के जारी आदेश के अनुसार शराब की दुकानें रात्रि 8 बजे तक खुली रहेंगी. सरकार के इस निर्णय से शराब व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी. इसके साथ में सरकारी खजाने में भी बढ़ोतरी होगी. क्योंकि कोराना काल में शराब की बिक्री कम होने से सरकारी खजाने को चपत लग रही थी. सरकार को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा था. इस निर्णय से सरकारी खजाने में बढ़ोतरी होना तय माना जा रहा है.

तीन चरणों में यूं बढ़ा दुकानें खोलने का समय
राज्य सरकार ने पूर्व में जो गाइडलाइन जारी की थी उसके तहत शराब की दुकानें खोलने का समय घटा दिया गया था. सरकार ने पहले सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक शराब की दुकानें खोलने की अनुमति प्रदान की थी. इसके बाद राज्य सरकार ने जो गाइडलाइन जारी की थी उसमें इस समय को दो घंटे बढ़ाकर उसे शाम 6 बजे तक कर दिया गया था. लेकिन सरकार के इस निर्णय से शराब से जुड़े कारोबारी खुश नहीं थे. लिहाजा अब फिर से उसे 2 घंटे और बढ़ाकर रात 8 बजे तक के लिये कर दिया गया है.

सरकारी खजाने की सुधरेगी सेहत
राज्य की अर्थव्यवस्था शराब पर बहुत ज्यादा निर्भर है. गहलोत सरकार ने लॉकडाउन के बीच आबकारी शुल्क बढ़ा दिया था. इससे सरकारी खजाने में करोड़ों रुपए की आमदनी हुई थी. सालाना शराब से राज्य सरकार को करीब एक हजार करोड़ रुपए की आमदनी होती है. सरकार के रेवेन्यू का सबसे बड़ा सोर्स शराब और स्टांप ड्यूटी माना जाता है. पेट्रोल और डीजल से भी सरकार को खासी आमदनी होती है. कोरोना काल में सरकार को वित्तीय संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ रहा है. अब सरकार के इस निर्णय से सरकारी खजाने में बढ़ोतरी की पूरी पूरी उम्मीद है.

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