सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड: यह सोना कागज का महज टुकड़ा नहीं है, जानें इसके फायदे

Sovereign Gold Bond Latest Update: मोदी सरकार तीसरी बार सस्ता सोना खरीदने का मौका दे रही है। कागज के टुकड़े के रूप में मिलने वाला यह वह सोना (सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड) है, जिसे चोर चुरा नहीं सकता। मुसीबत के समय बेचने जाने पर सुनार मनमाना रेट नहीं लगा सकता। जीएसटी और मेकिंग चार्ज नहीं लगता उल्टे, 2.50 प्रतिशत सलाना ब्याज मिलता है। एक निश्चित अवधि के बाद कैश कराने पर बाजार रेट पर ही बिकता है। जी हां। हम बात कर रहे हैं सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की। बाजार रेट से छूट के साथ  31 मई यानी आज से पांच दिन के लिए यह खुल रहा है। 

इसके लिए आरबीआई ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना 2020-21 के लिए निर्गम मूल्य 4,889 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है। बता दें  विशेषज्ञों का कहना है कि सोना इस साल के अंत तक एक बार फिर 55 हजार के रुपये के स्तर को छू सकता है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के मुताबिक सॉवरेन गोल्ड  बॉन्ड मई से लेकर सितम्बर के बीच 6 किस्तों में जारी किए जाएंगे। इसमें से 2 सीरीज जारी हो चुकी है।इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट के अनुसार सोना 48,654 रुपए पर पहुंच गया है। यानी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का दाम इस बार सोने की शुक्रवार की कीमत से थोड़ा ज्यादा है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में 10 ग्राम सोने की कीमत 48,890 रुपए है। 

 बॉन्ड के लिए जो लोग इनके लिए ऑनलाइन आवेदन करेंगे और डिजिटल पेमेंट के जरिए भुगतान करेंगे, उन्हें प्रति ग्राम 50 रुपए का डिस्काउंट मिलेगा। यानी अगर आप इन माध्यमों से गोल्ड  बॉन्ड लेते हैं तो आपको प्रति 10 ग्राम 500 रुपए का अतिरिक्त फायदा होगा। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 500 ग्राम सोने के बॉन्ड खरीद सकता है। वहीं न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना जरूरी है।

कहां से खरीदें

एसजीबी के हर आवेदन के साथ निवेशक PAN जरूरी है। स्वर्ण बॉन्ड बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एसएचसीआईएल), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों (एनएसई और बीएसई) के माध्यम से बेचा जाएगा।

सॉवरेन बॉन्ड की खासियत

  • बॉन्ड जारी होने के पखवाड़े के भीतर स्टॉक एक्सचेंजों पर तरलता के अधीन हो जाते हैं।
  • इसकी सबसे खास बात होती है कि निवेशक को सोने के भाव बढ़ने का लाभ तो मिलता ही है। साथ ही उन्हें इन्वेस्टमेंट रकम पर 2.5 फीसदी का गारंटीड फिक्स्ड ​इंटरेस्ट भी मिलता है।
  •  इन बॉन्ड्स की अवधि 8 साल की होती है और 5वें साल के बाद ही प्रीमैच्योर विड्रॉल किया जा सकता है। 
  • इस पर तीन साल के बाद लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा (मैच्योरिटी तक रखने पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा) वहीं इसका लोन के लिए  इसका उपयोग कर सकते हैं

कहां तक जा सकता है सोने का भाव

आईआईएफएल के उपाध्यक्ष (कमोडिटी एवं करेंसी) अनुज गुप्ता का कहना है कि कोरोना संकट के बावजूद भी सोना निवेशकों का पसंदीदा माध्यम बना हुआ है और इसमें लंबी अवधि में तेजी का दौर जारी रहेगा। उनका कहना है कि इस साल दिवाली तक सोना फिर 55 हजार रुपये के स्तर पर पहुंच सकता है।

 

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