केंद्र ने दिल्ली किया था ट्रांसफर, पर सीएम ममता संग बैठकें कर रहे मुख्य सचिव अलापन

कोलकाता बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय को लेकर विवाद और गहरा सकता है। केंद्र सरकार की ओर से शुक्रवार को उनके दिल्ली ट्रांसफर का आदेश जारी किया गया था और सोमवार को सुबह 10 बजे उन्हें केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के दफ्तर में रिपोर्ट करना था। लेकिन वह दिल्ली नहीं गए और उसके उलट पश्चिम बंगाल में ही सीएम के साथ बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं। सोमवार को भी वह सीएम ममता बनर्जी के साथ यास चक्रवात को लेकर हुई एक रिव्यू मीटिंग में शामिल रहे। सीएम ममता बनर्जी ने मीटिंग के दौरान कहा, 'मैंने दीघा का दौरा किया है। मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय की यहां जिम्मेदारी है। मछुआरों की क्षतिपूर्ति को लेकर विचार करना चाहिए।' ममता ने बैठक के दौरान केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि हमें चक्रवात के लिए कोई राहत पैकेज नहीं मिला और न ही हमने इसके लिए कहा है।

मीटिंग के दौरान ममता ने यह भी कहा कि गरीब यह याद रखें कि मैं हमेशा उनके लिए मौजूद हं। आप उकसावे में न जाएं। इसी बैठक के दौरान सीएम ममता ने यह भी बताया कि बंगाल में कोरोना वायरस के नए मामले कम होकर 11000 पर आ गए हैं। वहीं, दैनिक पॉजिटिविट रेट में भी 18-19 फीसदी की कमी आई है। फिलहाल कोविड से 91 फीसदी मरीज ठीक हो रहे हैं। 

पीएम नरेंद्र मोदी यास से पैदा हुए हालात का जायजा लेने के लिए बीते हफ्ते बंगाल दौरे पर गए थे। उन्होंने राज्य में यास चक्रवात से हुए नुकसान का हवाई सर्वे किया था और फिर एक समीक्षा बैठक के लिए पहुंचे थे। हालांकि इस बैठक में सीएम ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री को आधे घंटे से भी ज्यादा देर तक इंतजार कराया था और कुछ मिनट रुकने के बाद ही वह निकल गई थीं।

इसके बाद से ही बंगाल और केंद्र सरकार के बीच रार जारी है। केंद्र सरकार ने जहां राज्य के मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय को दिल्ली बुला लिया था तो हीं ममता बनर्जी ने साफ कर दिया है कि वह चीफ सेक्रटरी को रिलीज नहीं करेंगी। ममता सरकार की कैबिनेट मंत्री चंद्रिमा उपाध्याय ने कहा, 'मुख्यमंत्री चीफ सेक्रेटरी अलापन बंद्योपाध्याय को रिलीज नहीं कर रही हैं।' 

सीएम ममता ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी  में कहा था कि केंद्र सरकार ने मुख्य सचिव के स्थानांतरण का एकतरफा फैसला लिया है और यह गलत है। 

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