सोनीपत बम ब्लास्ट केस में आतंकी टुंडा को उम्रकैद, 1 लाख का जुर्माना

हरियाणा के सोनीपत में साल 1996 में हुए बम ब्लास्ट में दोषी करार दिए गए आतंकी अब्दुल करीम टुंडा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. मंगलवार को सोनीपत कोर्ट ने लश्कर-ए-तैयबा के बम एक्सपर्ट टुंडा पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. सोमवार को इस केस की सुनाई पूरी हो गई थी. कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.

21 साल की लंबी लड़ाई के बाद सोनीपत बम ब्लास्ट केस में फैसला आया. कोर्ट ने यह आदेश भी दिया है कि अगर टुंडा एक लाख रुपये का जुर्माना नहीं भरता है, तो उसकी सजा एक साल और बढ़ा दी जाएगी.

सोनीपत कोर्ट के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज डॉ. सुशील कुमार गर्ग ने टुंडा के लिए सजा का ऐलान किया. सोनीपत में साल 1996 में सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में आतंकी टुंडा को धारा 307 (हत्या की कोशिश), 120बी (साजिश रचने) और 3, 4 एक्सपलोजिव एक्ट (बम ब्लास्ट करने) के तहत दोषी करार दिया गया था.

26/11 हमले के मामले में भारत ने पाकिस्तान से अब्दुल करीम टुंडा समेत 20 आतंकियों को सौंपने की मांग की थी. अगस्त 2016 में दिल्ली पुलिस ने इंडो-नेपाल बॉर्डर पर बनबासा से टुंडा को गिरफ्तार किया था. टुंडा देशभर में हुए करीब 40 बम धमाकों में भी शामिल रहा है.

डी कंपनी के डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी माना जाने वाला टुंडा मिडिल ईस्ट में टेरर फंडिंग को बढ़ावा देने भी शामिल रहा है. यही नहीं, 1993 के मुंबई बम धमाकों में भी उसकी भूमिका रही है.

आतंकी टुंडा ने साल 2010 में दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भी धमाके की साजिश रची थी. हालांकि, उसके दो साथियों के गिरफ्तार होने के बाद ये साजिश नाकाम हो गई.

क्या है सोनीपत बम ब्लास्ट?
सोनीपत में 28 दिसंबर 1996 को दो स्थानों पर बम ब्लास्ट हुए थे. उस दिन शाम 5:05 बजे पर पहला धमाका बस स्टैंड के पास स्थित बावा सिनेमा हाल में हुआ था. उसके 10 मिनट बाद दूसरा धमाका गीता भवन चौक स्थित गुलशन मिष्ठान भंडार के बाहर हुआ. धमाके में करीब एक दर्जन लोग घायल हुए थे. पुलिस ने इस संबंध में इंदिरा कॉलोनी निवासी सज्जन सिंह के बयान पर मामला दर्ज किया था.

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