हिज्बुल मुजाहिदीन की धमकी- पूर्व IAS शाह फैसल का राजनीति में कोई न दे साथ

श्रीनगर,  संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में टॉप करने वाले शाह फैसल के राजनीति में आने से आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन बौखला गया है. हिज्बुल ने चिट्ठी जारी कर लोगों से कहा है कि वे राजनीति में शाह फैसल का साथ न दें. आतंकी संगठन का कहना है कि शाह फैसल के राजनीति में आने के पीछे भारत सरकार की चाल है. शाह फैसल लोगों को गुमराह कर रहा है.

हिज्बुल मुजाहिदीन की चिट्ठी में लोगों से कहा गया है कि वह शाह फैसल का साथ न दें और राज्य में होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों का बहिष्कार करें. हिज्बुल मुजाहिदीन ने शाह फैसल से पूछा है कि उन्होंने डॉक्टर मन्नान वानी का रास्ता क्यों नहीं अपनाया और राजनेताओं की टोली में शामिल हो गए?
गौरतलब है कि शाह फैसल ने कुछ दिन पहले ही IAS की नौकरी छोड़कर मुख्यधारा की राजनीति में आने का ऐलान किया था. जिस अंदाज से उन्होंने युवाओं को अपने साथ जोड़ना शुरू किया है और जिस तरीके से अपने राजनीतिक संगठन के लिए आम लोगों से मदद की फरियाद की है, उससे उनके सियासी प्रतिद्वंद्वी के साथ आतंकी भी बौखला गए हैं.

शाह फैसल ने अपनी पार्टी के लिए लोगों से चंदा मांगा और कुछ ही दिन के भीतर उनके अकाउंट में कश्मीर के साथ-साथ अनेक जगहों से 15 लाख से भी ज्यादा राशि जमा हो चुकी है.  शाह फैसल आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरने की तैयारी में जुट गए हैं. 'आजतक' के साथ एक इंटरव्यू में शाह फैसल ने यह बात मानी कि जम्मू कश्मीर का हल राजनीतिक तरीके से ही संभव है, और वह राजनीति में आने के बाद कश्मीर समस्या के समाधान में भूमिका निभाना चाहते हैं. इसीलिए वह राजनीति में आए हैं.

जम्मू  कश्मीर में लगातार नागरिक हत्याओं के विरोध में इस्तीफा देने वाले शाह फैसल ने लोगों से विशेषकर युवाओं से सुझाव मांगे. कश्मीर से संबंध रखने वाले फैसल अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'मेरे पास आइडिया है कि मुझे क्या करना चाहिए, लेकिन मैं अंतिम निर्णय लेने से पहले लोगों के विचार जानना चाहता हूं." उन्होंने कहा, "सैकड़ों और हजारों लोगों ने मेरे इस्तीफे पर सैकड़ों और हजारों तरीकों से प्रतिक्रिया दी है. मुझे इसकी पूरी उम्मीद थी. अपशब्दों और प्रशंसा, दोनों की ही बाढ़ आ गई है.'
 

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