GST: ‘वन नेशन वन टैक्‍स’ से जानिए क्‍या महंगा होगा और क्‍या सस्‍ता…

लोकसभा में चली लंबी बहस के बाद आखिरकार जीएसटी बिल पास हो गया. लेकिन विपक्ष इस बिल में हुए संशोधन से अभी भी नाखुश है. विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने उनके द्वारा पेश किये संशोधन को दरकिनार कर दिया है.

आपको बता दें कि सरकार ने जीएसटी विधेयक 2017 में पांच संशोधनों के साथ पास किया है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि जीएसटी के अमल में आने से तरह-तरह के टैक्स के बजाए सिर्फ जीएसटी ही लागू होगा और पूरा देश एक बड़ा बाजार बन जाएगा. आइए जानते हैं इस बिल के बाद क्या असर पड़ेगा बाजार में.

लोकसभा में बिल पेश करते समय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी से देश में टैक्स टेररिज्म का खात्मा होगा.

लोकसभा में जीएसटी बिल पर चर्चा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी की 4 दरें होंगी और इसकी अधिकतम सीमा 28 फीसदी की होगी. इतना ही नहीं लग्जरी सामान पर अलग से सेस भी लगेगा.

जीएसटी मल्टीपल टैक्सेशन स्लैब रखे गए हैं. खाने-पीने की चीजें 0 फीसदी टैक्स स्लैब में आएंगी. दूसरा टैक्स स्लैब 5 फीसदी का होगा वहीं तीसरा स्लैब 12-18 फीसदी का होगा जबकि 28 फीसदी अधिकतम टैक्स स्लैब होगा.

लग्जरी स्लैब में तंबाकू, महंगी गाड़ियां आएंगी. लग्जरी स्लैब के 2 हिस्से होंगे, सेस+टैक्स. लग्जरी/तंबाकू उत्पादों पर 28 फीसदी के साथ सेस भी लगेगा.

पूरे देश में किसी सामान की एक ही कीमत होगी. एक राज्य से दूसरे राज्य में तस्करी रुकेगी और जीएसटी से उत्पाद की लागत में कमी आएगी. जीएसटी से टैक्स का ढांचा आसान होगा और सरकार की टैक्स से कमाई बढ़ेगी. जीएसटी से टैक्स चोरी पर शिकंजा कसेगा.

जीएसटी के लागू होने से दोपहिया वाहन, छोटी कारें, फैन, वॉटर हीटर, कूलर और फिल्में देखना सस्ता हो जाएगा. हालांकि जीएसटी से फोन बिल, होटल में खाना-पीना, हवाई टिकट, रेल टिकट, ट्रक और टेंपो महंगे हो जाएंगे.

उधर दूसरी ओर कांग्रेस के नेता वीरप्पा मोइली ने कहा कि जीएसटी यूपीए सरकार का बिल था. इसमें बीजेपी ने बतौर विपक्ष अडंगा लगाया. उन्होंने कहा कि जीएसटी के मौजूदा ढांचे में कई दिक्कतें हैं. इसमें टैक्स अधिकारियों की ज्यादती और भ्रष्टाचार के लिए कमियां रह गई हैं.

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