NID छात्र ने जीती बुलेट ट्रेन के लोगो डिजाइनिंग स्पर्धा

नई दिल्ली: राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान, अहमदाबाद के 27 वर्षीय एक छात्र द्वारा बनाए गए एक लोगो को उच्च स्पीड वाली बुलेट ट्रेन के लोगो की डिजाइनिंग के लिए हुई स्पर्धा में विजेता घोषित किया गया है. लोगो में इंजन पर चीता की रूपरेखा है. ग्राफिक डिजाइन के दूसरे वर्ष के पोस्ट ग्रेजुएट छात्र चक्रधर आला ने इस साल अप्रैल में घोषित स्पर्धा के तहत लोगो की डिजाइन की थी. राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को इस संबंध में घोषणा की. आला के मुताबिक चीता रफ्तार और विश्वसनीयता को प्रदर्शित करता है.

 

गौरतलब है कि 14 सितंबर को अहमदाबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी पीएम शिंजो आबे ने बहुप्रतीक्षित ड्रीम प्रोजेक्‍ट बुलेट ट्रेन की आधारशिला रखी थी. इस बुलेट ट्रेन की शुरुआत 15 अगस्‍त, 2022 तक करने का लक्ष्‍य रखा गया है. जापान से 100 से भी ज्‍यादा इंजीनियर भारत में काम कर रहे हैं.

 

देश की पहली बुलेट ट्रेन में यह होगा खास

रफ्तार: बुलेट ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 350 किलोमीटर प्रति घंटा होगी.

क्षमता: शुरुआती दौर में बुलेट ट्रेन में 10 डिब्बे होंगे. इनमें 750 यात्री बैठ सकेंगे.

रूट : बुलेट ट्रेन का रूट साबरमती रेलवे स्टेशन से लेकर मुंबई-बांद्रा-कुर्ला कॉम्पलेक्स तक रखा गया है. कुल लंबाई 508 किलोमीटर है. महाराष्ट्र में इसका 156 किमी और गुजरात में 351 किमी लंबा रूट रहेगा.

स्टेशन: फिलहाल ट्रेन चार स्टेशनों पर रुकेगी और दो घंटे सात मिनट में अहमदाबाद की दूरी तय कर लेगी. बाद में 12 स्टेशन होंगे. ये हैं- मुंबई, ठाणे, विरार, बोइसर, वापी, बिलीमोरा, सूरत, भड़ौच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद तथा साबरमती.

ट्रैक की खासियत: पूरे ट्रैक का 96 प्रतिशत यानी 468 किमी एलिवेटिड होगा. 6 प्रतिशत मार्ग सुरंग में होगा. 2 प्रतिशत यानी 12 किमी ट्रैक जमीन पर होगा.

समुद्र के नीचे भी: 21 किलोमीटर का सबसे लंबा टनल और 7 किलोमीटर समुद्र के नीचे से रूट रहेगा. पटरियां जमीन से 20 मीटर (करीब 70 फीट ऊपर) एलिवेटेड रहेंगी.

समय: अहमदाबाद से मुंबई की 508 किमी की रेलयात्रा में फिलहाल 7 से 8 घंटे लगते हैं. बुलेट ट्रेन चालूहोने पर 2.07 से 2.58 घंटे लगेंगे.

लागत: परियोजना की कुल लागत 1.08 लाख करोड़ रुपए है. जापान 88 हजार करोड़ रुपए का ऋण (0.1 फीसदी ब्याज दर, यानी हर महीने 7-8 करोड़ रुपए मात्र पर दे रहा है. बाकी धन भारत सरकार खर्च करेगी.

रोजगार: 4,000 कर्मचारियों की ट्रेनिंग के लिए बड़ोदरा में हाई स्पीड रेल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना की गई है. इस प्रोजेक्ट से 16,000 अप्रत्यक्ष रोजगार की संभावना है. परिचालन शुरू होते ही रेलवे के रखरखाव व ऑपरेशन के लगभग 4000 कर्मचारियों की जरूरत होगी. वहीं 20,000 कंस्ट्रक्शन वर्कर की जरूरत होगी.

 अगला चरण: सरकार ने अगले चरण में दिल्ली-चंडीगढ़, दिल्ली-कोलकाता, दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-नागपुर, मुंबई-चेन्नई और मुंबई-नागपुर रूटों पर भी बुलेट ट्रेन चलाने की रूपरेखा तैयार की है. नेशनल हाईस्पीड रेल कॉर्पोरेशन इन सभी पर काम कर रहा है.

 हर साल की लागत: आगे चलकर बुलेट की परियोजना पर हर साल 20,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे. हर दिन 36,000 लोग बुलेट ट्रेन से यात्रा कर पाएंगे. 2053 तक यह क्षमता बढ़कर 1,86,000 हो जाएगी.

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