रीपा की आजीविका गतिविधियों से महिलाओं में बढ़ा आत्मविश्वास

महासमुंद : राज्य सरकार महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) के माध्यम से महिलाओं व युवाओं को रोजगार के साथ ही उद्यमियों को अवसर देने का काम कर रही है। शासन के इन प्रयासों से लोग आर्थिक रूप सशक्त हो रहे हैं। रीपा में स्थानीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुरूप व्यवसाय को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर व सामाजिक उत्थान के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। आजीविका मूलक गतिविधियों से पर्याप्त रोजगार भी सृजित हो रहे हैं। जिले के बागबाहरा विकासखण्ड के ग्राम सिरपुर की कस्तूरबा महिला स्व सहायता समूह दोना पत्तल व्यवसाय कर अपने उद्यमी बनने का सपना साकार कर रहे हैं। रीपा से जुड़कर अपने आकांक्षाओं को हासिल कर महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर कदम रख रहे हैं।
कस्तूरबा महिला स्व सहायता समूह में 10 सदस्य है। वे बताते है कि रीपा से जुड़कर जो हमें मिला है, उसकी तलाश हमें बरसो से थी। इससे पहले हम में से कोई कृषि कार्य कर अपना जीविकोपार्जन करते थे तो कोई मजदूरी कार्य कर। रीपा के अंतर्गत दोना पत्तल मशीन स्थापित कर हमें इस व्यवसाय से जोड़कर सरकार हमारी आर्थिक स्थिति को सुधारने का काम कर रहे है। इस कार्य से हमारा आत्मविश्वास और बढ़ा है। महिला सदस्यों ने बताया कि अब तक वे 3000 नग दोना एवं 5000 नग पत्तल का उत्पादन कर चुके है। जिसमें से 64 हजार रुपए का दोना व पत्तल विक्रय कर प्रति सदस्य 5-6 हजार रुपए मासिक आय अर्जित कर चुके हैं। समिति के सदस्यों का कहना है कि रीपा के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी गति मिली है। ग्रामीण युवक-युवतियों को नए कौशल सीखने का अवसर मिल रहा है एवं अन्य युवाओं के लिए यह प्रेरणादायी भी साबित हो रही है। सदस्यों ने इस पहल के लिए राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया है।

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