दो देशों के बीच सुरक्षा सहयोग से तीसरे को कोई नुकसान न हो 

बीजिंग। फिलीपींस को भारत द्वारा दी गई ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की डिलीवरी के बाद चीन आगबबूला हो गया है। इसकी वजह है कि फिलीपींस को ऐसे समय भारत से क्रूज मिसाइलों डिलीवरी मिली है, जब उसका बीजिंग से साउथ चाइना सी में तनाव व्याप्त है। फिलीपींस को भारत द्वारा दी गई ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की पहली खेप मिलने के बाद चीनी सेना ने एक बयान जारी किया है, जिसमें चीनी सेना के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग में इस बात का ख्याल रखा जाए कि इससे किसी तीसरे देश के हितों को नुकसान नहीं पहुंचे।
दक्षिण चीन सागर में दूसरे थॉमस शोल और स्कारबोरो शोल को लेकर चीन और फिलीपींस के बीच तनाव है। फिलीपींस ने चीन की आक्रामकता का मुकाबला करने और अपनी रक्षात्मक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए भारत से ब्रह्मोस मिसाइलों का अधिग्रहण किया है, ये उसकी अपनी रक्षात्मक क्षमताओं को बढ़ाने की तरफ एक अहम रणनीतिक कदम है। दूसरी ओर भारत भी चीन के विस्तारवादी रवैये के चलते फिलीपींस के साथ रक्षा संबंधों को बढ़ावा दे रहा है। ऐसे में चीन की घबराहट बढ़ती नजर आ रही है।
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन हमेशा मानता है कि दो देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग से किसी तीसरे देश के हितों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए साथ ही क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को खतरा नहीं पहुंचना चाहिए। चीनी प्रवक्ता ने दक्षिण चीन सागर विवाद में चीन और फिलीपींस की  बढ़ती दुश्मनी के पिछले दिनों फिलीपींस में जरिए दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें तैनात करने के लिए अमेरिका की आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि एशिया-प्रशांत में अमेरिका की ओर से बैलिस्टिक मिसाइलों की तैनाती का हम विरोध करते हैं। अमेरिका का यह कदम क्षेत्रीय देशों की सुरक्षा को गंभीर खतरे में डालते हुए क्षेत्रीय शांति को भंग करना चाहता है।

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