आरक्षण मामले में फिर मांगा समय, हाईकोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार

बिलासपुर। हाईकोर्ट में अनुसूचित जाति का आरक्षण कम करने के खिलाफ पेश याचिका में बुधवार को महाधिवक्ता ने चुनाव आचार संहिता व सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी लगने के कारण सुनवाई बढ़ाने की मांग की। इस पर कार्यवाहक चीफ जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा ने नाराजगी जताते हुए शासन को फटकार लगाई है।

साथ ही सुप्रीम कोर्ट में पेश एसएलपी के दस्तावेज 11 अप्रैल को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने मामले के ओआइसी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है। वर्ष 2012 में राज्य सरकार ने जातिगत जनगणना के बाद प्रदेश में अनुसूचित जाति का आरक्षण 16 से घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया था।
इसके साथ ही अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को बढ़ाया गया। अजा वर्ग का आरक्षण घटाने के खिलाफ गुरु घासीदास साहित्य अकादमी, सतनाम सेवा संघ समेत अन्य समितियों ने अलग-अलग याचिका दाखिल की।

सोमवार को सभी याचिकाओं को सुनवाई के लिए कार्यवाहक चीफ जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा व जस्टिस पीपी साहू की डीबी में रखा गया था। उस दौरान महाधिवक्ता ने जवाब के लिए समय मांगा। कोर्ट ने दो दिन का समय दिया था। बुधवार को मामले को सुनवाई के लिए पुनः रखा गया।
इस दौरान महाधिवक्ता ने आवेदन पेश कर कहा कि चुनाव आचार संहिता लागू है और ऐसे ही एक प्रकरण को लेकर राज्य शासन ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी पेश की है। इस कारण सुनवाई बढ़ाने की मांग की।

महाधिवक्ता के इस आवेदन पर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि कोर्ट में आचार संहिता लागू होने का कोई मतलब नहीं है। यदि शासन ने सुप्रीम कोर्ट में कोई आवेदन पेश किया है, तो उसकी मूल प्रति 11 अप्रैल को पेश किया जाए। कोर्ट ने ऐसा नहीं करने पर अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। सुनवाई के दौरान मामले के ओआइसी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।
कोर्ट के निर्णय से बाधित हैं नियुक्तियां

याचिका पेश होने के बाद कोर्ट ने आरक्षण नीति पर रोक लगा दी थी। इससे प्रदेश में रिक्त पदों पर भर्ती बंद हो गई। इस पर राज्य शासन ने कामकाज प्रभावित होने का हवाला देकर रोक हटाने की मांग की।
कोर्ट ने इस आरक्षण नीति के तहत होने वाली नियुक्तियों को निर्णय से बाधित रखने की शर्त पर अनुमति दी है। इस वजह से दिसंबर 2012 के बाद से सभी शासकीय नियुक्तियों में इस प्रकरण की जानकारी दी जा रही है।
 

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