एशिया का पहला सफल ऑपरेशन, श्रेया को लगाए लड़के के हाथ

नई दिल्ली: सड़क दुर्घटना में अपने दोनों हाथ गंवा चुकी 19 वर्ष की श्रेया के लिए एक युवक वरदान साबित हुआ। उसे 20 वर्षीय सचिन के डोनेट किए हुए अपर आर्म यानी कोहनी के नीचे के हाथ लगाए गए हैं जिससे आने वाले कुछ समय बाद वह खुद से अपने काम कर सकेगी।चिकित्सा विज्ञान के लिए यह बड़ी सफलता मानी जा रही है। दरअसल भारतीय चिकित्सा पद्धति, संभवत: एशिया के पहले ऐसे अंग प्रत्यारोपण में सफल हो गई है जिसमें मरीज को किसी और व्यक्ति के हाथ लगाए गए, और सफलता के साथ उसके हाथ जुड़ गए।

श्रेया ने पिछले साल एक बस एक्सीडेंट में अपने दोनों हाथ गंवा दिए थे। हादसे के बाद उसे कालेज भी छोडऩा पड़ गया था। श्रेया को जिस लड़के के आर्म लगाए गए हैं उसकी एक बाइक एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। जिसके बाद उसके परिवार वालों ने ऑर्गन दान करने का मन बनाया। हालांकि, सचिन की मां इस बात के लिए राजी नहीं थीं। श्रेया के पिता टाटा मोटर्स में सीनियर मैनेजर हैं। उन्होंने इस सबको एक चमत्कार जैसा बताया। परिवार को उम्मीद है कि अब श्रेया अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर पाएगी।


ऑपरेशन के बाद श्रेया ने बताया कि अगर आपके पास बहुत वक्त तक हाथ ना रहें तो नए हाथों का बोझ उठाना काफी भारी सा लगता है। लेकिन मेरे लिए यह ढेर सारी खुशी वाला पल है। श्रेया का ऑपरेशन कोच्ची के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस ने किया। 13 घंटे के इस ऑपरेशन को 20 सर्जन और 16 अन्य लोगों की टीम ने किया। यह एशिया का पहला ऐसा अपर आर्म ट्रांसप्लांट है जिसमें लड़की को लड़के के हाथ लगे हैं।

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