तीन तलाक : JDU के वॉकआउट पर RJD ने साधा निशाना, कहा- BJP का साथ देना उनकी मजबूरी

पटना : मुस्लिम समाज में तीन तलाक की प्रथा (तलाक-ए-बिद्दत) को आपराधिक कानून बनाने वाले मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हो गया है. माना जा रहा था कि राज्यसभा में इसे पास कराने में कठिनाई होगी, लेकिन आसानी से हो गया. जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) ने राज्यसभा में इस बिल के विरोध में वॉकआउट किया, लेकिन पार्टी के स्टैंड पर विवाद खड़ा हो गया.

विपक्ष का आरोप है कि जेडीयू ने वॉकआउट कर राज्यसभा में एक तरह से सरकार की मदद की है. हालांकि जेडीयू ने फिर कहा है कि नीतीश कुमार की धर्मनिरपेक्ष छवि पर कोई ऊंगली नहीं उठा सकता है.

क्या तत्काल तीन तलाक विधेयक पर जेडीयू ने अपरोक्ष रूप से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की मदद की है? क्या जेडीयू के छह सदस्यों ने राज्यसभा से वॉकआउट कर केन्द्र की एक तरह से मदद की है? क्या जेडीयू के छह सदस्य तीन तलाक के विरोध में वोट कर केन्द्र सरकार के लिए मुसीबत खड़ा नहीं कर सकते थे? ये सवाल बिहार में मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की तरफ से उठाया गया है.

आरजेडी ने जेडीयू पर बीजेपी के समर्थन का आरोप लगाया है. बिहार विधान परिषद में मुख्य विपक्षी दल के सचेतक सुबोध राय ने कहा है कि तीन तलाक पर राज्यसभा में बीजेपी का राह आसान नहीं था, लेकिन जिस तरह से जेडीयू ने राज्यसभा में वॉकआउट किया है उससे साफ है कि इस मसले पर शुरू से ही दोनों साथ-साथ थे. दिखावे के लिए जेडीयू ने विरोध किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी की मदद करना उनका मजबूरी है.

आरजेडी का मानना है कि आगे और भी विवादित विषयों जैसे धारा 370 और राममंदिर पर भी जेडीयू का साथ बीजेपी को मिलता रहेगा. बीजेपी पर भी इस विषय पर हमला बोलते हुए आरजेडी ने कहा है कि प्रधानमंत्री इंसाफ की बात करते हैं, लेकिन खुद उन्होंने अपनी पत्नी को छोड़ दिया है. हालांकि जेडीयू ने आरजेडी के बयान का जोरदार खंडन किया है.

जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि पूरे भारत में नीतीश कुमार की पहचान उनकी धर्मनिरपेक्ष छवि से है. इसपर उन्होंने कभी कोई समझौता नहीं किया है. सड़क से लेकर संसद तक तीन तलाक बिल का विरोध हुआ है. तीन तलाक ही क्यों दूसरे जो भी विवादित विषय होंगे उस पर जेडीयू खिलाफ में ही खड़ी होगी. राजीव रंजन ने कहा कि जेडीयू अपनी विचारधारा के लिए स्वतंत्र है और उसे क्या करना है उसका अधिकार केवल पार्टी के पास है. 

बीजेपी ने जेडीयू के स्टैंड पर साफ-साफ कुछ नहीं कहा है, लेकिन उन सभी पार्टियों का आभार जताया है जिसने तीन तलाक बिल पास कराने में मदद की. पार्टी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है कि प्रधानमंत्री ने जो वादा किया था उसे उन्होंने पूरा किया है.

दरअसल, लोकसभा में जब तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत को अपराध मानने वाले मुस्लिम महिला विवाह अधिकाकर संरक्षण विधेयक-2019 को राज्यसभा में पास कराना मुश्किल माना जा रहा था. क्योंकि बीजेपी का खुद का बहुमत राज्यसभा में नहीं है. कई दलों के सदस्यों के सदन से बाहर जाने और कई सांसदों की गैरहाजिरी से सरकार ने आसानी से बिल को पास करा लिया. बिल के पक्ष में जहां 99 वोट पड़े वहीं, विपक्ष में 84. राज्यसभा में जेडीयू के 6 सदस्य हैं. अगर जेडीयू के तमाम सांसद कांग्रेस की तरह विरोध में वोट करते तो सरकार के सामने कुछ मुश्किल हो सकती थी.

केन्द्र सरकार के पास ऐसे अनेक विषय हैं जिसपर जेडीयू की राय अलग रही है और उसने पुरजोर तरीके से विरोध भी किया है, लेकिन जिस तरह के आरोप जेडीयू पर आरजेडी ने लगाया है उससे पार्टी को सफाई देनी पड़ रही है.
 

Leave a Reply