बिम्स्टेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पीएम मोदी नेपाल रवाना, इन मुद्दों पर चर्चा करेंगे 7 देश

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज सुबह नेपाल में होने जा रहे बिम्स्टेक शिखर सम्मेलन की बैठक में हिस्सा लेने के लिए रवाना हुए. प्रधानमंत्री सुबह करीब साढ़े आठ बजे काठमांडू पहुंचेंगे. उनकी यह यात्रा भारत द्वारा पड़ोस को उच्च प्राथमिकता देने तथा दक्षिण पूर्व एशिया के विस्तारित पड़ोस में अपने संबंधों को गहरा बनाने का प्रतीक है. 

यात्रा पर रवाना होने से पहले अपनी फेसबुक पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा कि शिखर बैठक के दौरान वे ‘‘बंगाल की खाड़ी बहु क्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग पहल' (बिम्सटेक) देशों के नेताओं के साथ क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत बनाने, कारोबारी संबंधों को प्रगाढ़ बनाने और शांतिपूर्ण एवं समृद्ध बंगाल की खाड़ी क्षेत्र के निर्माण में सामूहिक प्रयासों को आगे बढ़ाने के बारे में चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘शिखर सम्मेलन का विषय ‘‘ शांतिपूर्ण, समृद्ध और सतत बंगाल की खाड़ी’’ है और यह हम सभी की साझी आकांक्षाओं एवं चुनौतियों के संबंध में सामूहिक प्रतिक्रिया में मददगार होगा.’’ 

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि चौथा बिम्स्टेक शिखर सम्मेलन अब तक इस समूह के तहत हुई प्रगति को और आगे बढ़ाएगा और शांतिपूर्ण एवं समृद्ध बंगाल की खाड़ी के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगा. उन्होंने कहा कि बिम्स्टेक शिखर सम्मेलन से इतर उन्हें बांग्लादेश, म्यामांर, श्रीलंका, भूटान और थाईलैंड के नेताओं से बातचीत करने का अवसर मिलेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘मैं नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के साथ बैठक को आशान्वित हूं. इस दौरान मई 2018 में अपनी नेपाल यात्रा के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा करूंगा.’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ओली और उन्हें पशुपतिनाथ मंदिर परिसर में नेपाल भारत मैत्री धर्मशाला का उद्घाटन का अवसर मिलेगा. 

समझा जाता है कि इस बैठक में सदस्य देशों के बीच आतंकवाद सहित सुरक्षा के विविध आयाम, मादक पदार्थो की तस्करी, साइबर अपराध, आपदाओं के अलावा कारोबार एवं सम्पर्क से जुड़े विषयों पर चर्चा होगी और आपसी सहयोग मजबूत बनाने पर जोर दिया जाएगा.

सात देश के इस समूह में दक्षेस के पांच देश- बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल और श्रीलंका शामिल हैं. इनके अलावा आसियान के दो देश म्यामांर और थाईलैंड भी इसके सदस्य हैं. 

विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, आतंकवाद से मुकाबला सभी बिम्सटेक देशों के लिए बहुत महत्वपूर्ण विषय है. गोवा में वर्ष 2016 में संपन्न बिम्सटेक आउटरीच सम्मेलन में जारी घोषणापत्र में आतंकवाद से मुकाबले पर विचार विमर्श हुआ था. उस बैठक में जोर दिया गया था कि आतंकवादी गतिविधियों को किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता. बिम्सटेक बैठक से इतर प्रधानमंत्री समूह के देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक एवं चर्चा भी कर सकते हैं. 

बिम्स्टेक शिखर बैठक 30 अगस्त को शुरू हो रही है, जिसमें समूह के नेता संयुक्त बैठक करेंगे. इसी दिन दोपहर में पूर्ण सत्र होगा. इस दिन रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं रात्रि भोज होगा. अगले दिन 31 अगस्त को सदस्य देशों के नेताओं की मुलाकात एवं बैठकें होगी. दोपहर बाद विम्सटेक का समापन सत्र होगा.


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