हिमाचल में कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी: 350 रु. मजदूरी, फ्री लैपटॉप का वादा
शिमला. कांग्रेस ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश के लिए अपना चुनावी घोषणा पत्र (manifesto) जारी कर दिया। पार्टी के सीनियर लीडर सुशील कुमार शिंदे और सीएम कैंडिडेट वीरभद्र सिंह ने इसे जारी किया। घोषणा पत्र में मनरेगा के तहत मिनिमम मजदूरी 350 रुपए और गरीब परिवार के 50 हजार मेधावी बच्चों को लैपटॉप के साथ 1 GB डाटा फ्री देने का वादा किया गया है। इस मौके पर वीरभद्र सिंह ने बीजेपी पर निशाना साधा। कहा, "बीजेपी को हार का अंदाजा हो गया है, इससे बचने के लिए ही उसने धूमल (प्रेम कुमार धूमल) को आगे किया है।" बीजेपी के विजन डॉक्युमेंट के 3 दिन बाद सामने आया कांग्रेस का मेनिफेस्टो…
कांग्रेस के स्टेट ऑफिस राजीव गांधी भवन में घोषणा पत्र जारी किया गया। इस दौरान घोषणा पत्र कमेटी के अध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर, पार्टी के स्टेट इंचार्ज सुशील कुमार शिंदे, को- इंचार्ज रंजीता रंजन, वीरभद्र सिंह और पार्टी के स्टेट प्रेसिडेंट सुखविंद्र सिंह सुक्खू मौजूद थे।
बता दें कि रविवार को बीजेपी ने विजन डॉक्यूमेंट जारी किया था, उसके तीन दिन बाद कांग्रेस का घोषणा पत्र सामने आया है।
राज्य में विधानसभा चुनाव के तहत 9 नवंबर को वोटिंग होगी और नतीजे 18 दिसंबर को सामने आएंगे।
घोषणा पत्र की खास बातें
छोटे किसानों को एक लाख तक का लोन बिना इंटरेस्ट (ब्याज) के दिया जाएगा।
मनरेगा में मिनिमम मजदूरी 350 रुपए दी जाएगी।
बुजुर्गों को 1300 रुपए पेंशन मिलेगी।
गरीब परिवारों के 50 हजार मेधावी छात्रों को लैपटॉप और 1 जीबी डाटा फ्री दिया जाएगा।
एक लाख यूथ को नौकरी देने का वादा।
2003 के बाद भर्ती कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल होगी।
2 साल में कॉन्ट्रेक्ट इम्प्लॉईज को परमानेंट किया जाएगा।
राज्य में पंचायतों को और अधिकार दिए जाएंगे।
हर पंचायत में जिम और खेल के मैदान बनाकर खेलकूद गतिविधियों को बढ़ाया जाएगा।
राज्य में सड़क से लेकर पुल के जाल बिछाए जाएंगे।
हर जिले में मिनी स्टेडियम और खेल अकादमी बनाई जाएंगी।
BJP ने मजबूरी में धूमल को सीएम कैंडिडेट बनाया: कांग्रेस
– इस बीच कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा है, "बीजेपी ने प्रेम कुमार धूमल को राजनीतिक मजबूरी में सीएम कैंडिडेट बनाया है। मुझे नहीं लगता कि इससे कोई फर्क पड़ेगा।"
– "बीजेपी में आंतरिक मनमुटाव ज्यादा था, इसीलिए उसे धूमल का नाम घोषित करना पड़ा। वे एक नाकामयाब सीएम रहे हैं।"
आठ विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं वीरभद्र
कांग्रेस की तरफ से वीरभद्र सिंह सीएम कैंडिडेट हैं। 83 साल के वीरभद्र सिंह आठ विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं।
जुब्बल-कोटखाई, रामपुर, रोहड़ू और शिमला ग्रामीण से विधानसभा चुनाव लड़ चुके वीरभद्र ने इस बार अपनी सीट फिर बदल ली है। इस बार वे अर्की से चुनाव लड़ेंगे।
इस बार वीरभद्र की प्रतिष्ठा दांव पर है। हो सकता है कि ये उनका ये आखिरी चुनाव हो। 1990 में वे एक बार जुब्बल-कोटखाई से चुनाव हार चुके हैं।
वीरभद्र सिंह 1983-1990, 1993-1998, 2003-2007 और 2012-2017 के बीच सीएम रहे हैं।
हिमाचल में 27 साल में 60 से ज्यादा सीटें किसी पार्टी को नहीं मिलीं
साल कांग्रेस बीजेपी अन्य
1990 9 46 13
1993 52 8 8
1998 31 31 6
2003 43 16 9
2007 23 41 4
2012 36 26 6